अदरक के फायदे, अदरक के गुण लाभ Advantages of Ginger, Adarak ke fayde
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अदरक (Ginger) हर तरह के इनफेक्शन में काम आती है। अदरक को विश्व औषधि के नाम से जाना जाता है। अदरक शक्ति और स्फूर्ति का भंडार माना जाता है।
इसके उपयोग की जानकारी हो तो यह अनमोल है। अदरक के सूखने पर इसे सोंठ कहते हैं, ये दोनों ही रूप में हमारे लिये बलवर्धक है। यह जनाना तथा मर्दाना दोनों के लिये अत्याधिक उपयोगी है। अदरक के गुणों का वर्णन पुरातन चिकित्सा (आयुर्वेदिक चिकित्सा) पद्धति में बखूबी किया गया है।
सर्दी, जुकाम, खांसी, कफ, दमा में अदरक फायदा करता है। अदरक को जो किसी न किसी रूप में सेवन करता है वह हृदय रोग से दूर रहता है। अदरक शुगर तथा डायबिटीस को कंट्रोल करती है। अदरक, नींबू, सेंधा नमक मिलाकर खाने से, हमें कैंसर से बचाता है। जुकाम से, नाक बंद हो जाये, टॉन्सिल, बहरापन तथा कान बहने जैसे रोगों में अदरक का सेवन करें। इसी प्रकार अदरक तमाम परेशानियां दूर करती है।
अदरक के गुण
अरूचि- यदाकदा भोजन के प्रति अरूचि पैदा हो जाती तो अदरक का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर दिन में तीन-चार बार चाटें।
उंघना- पूरी नींद लेने के बाद भी काम के दौरान उंघना नींद आना जैसी परेशानी सताये तो सोंठ के चूर्ण के (अदरक का सूखा रूप) एक चुटकी चाय के खौलते पानी में डाल दें तथा सर्दी हो या मानसून में सुबह धूप में बैठकर धीरे-धीरे पिये जिससे आलस तथा नींद भाग जायेगी। ये उंघना, नींद शरीर में अम्लता के बढ़ जाने से होती है। यह हर समय नींद आना या उंघना एक बीमारी जैसी है। चाय में डालकर पीने से अदरक माँर्निंग सिकनेस दूर करती है।
शारीरिक कमजोरी- शारीरिक कमजोरी दूर करने के लिये अदरक एक घरेलू औषधि है। सोंठ इसका सूखा रूप है। आजकल अदरक अधिक से अधिक बाजारू खाने पीने की चीजों में इस्तेमाल किया जाता है। अदरक में बहुतायत में पौष्टिक तत्व पाये जाते हैं जैसे प्रोटीन, खनिज, कार्बोहाइड्रेट, रेशा,। अदरक शरीर को चुस्त व स्वस्थ बनाता है। साथ-साथ स्मरण शक्ति बढ़ाता है। अधिक सर्दी के दिनों में शरीर को उष्मा (गर्मी) देता है, शक्ति बनकर रोगों का निवारण करता है। अदरक आंतो के लिये एक पाचक टॉनिक जैसा है। सोंठ को घी, गुड़ में मिलाकर खाने से नई चेतना व शक्ति मिलती है। वृद्धावस्था में अधिकतर लोगों की पाचन शक्ति मंद पड़ जाती है तो सोंठ का कवाथ लाभकारी होता है। उबलते पानी में एक चम्मच अदरक का रस या सोंठ पाउडर डालें कुछ देर उबलने दें अब स्वादानुसार नमक या शहद डाल कर चुस्की ले कर पियें।
हिचकी- ताजे अदरक का टुकड़ा मुंह में रखकर चूसने से हिचकी जाती रहेगी।
मुंह में बदबू- अदरक का रस 1 चम्मच गर्म पानी में डालकर कुल्ला करें। मुंह की दुर्गंध जाती रहेगी।
लकवा तथा हाथ पैर सुन्न होना- उड़द की दाल पीसकर उसे घी में भूनें इसमें गुड़, सोंठ पीसकर मिला दें। लड्डू बनाये। इसे नित्य एक लड्डू का सेवन करें। सोंठ पाउडर व उड़द की दाल उबालकर इसका पानी पीने से लकवा ठीक होता है। हाथ पैर सुन्न होने पर एक गांठ लहसुन की तथा सोंठ पानी के साथ पीस लें जो अंग सुन्न हो रहा हो उस पर इसका लेप करें तथा बासी मुंह दो कली लहसुन की व जरा सी सोंठ चबायें। यह प्रयोग कम से कम 10-12 दिन तक करें अवश्य आराम मिलेगा।
कान का दर्द – ठंडी हवा या कान में मैल जमने से या फिर फुंसी होने से कान में दर्द हो तो अदरक का रस कपड़े से छानकर, गुनगुना कर तीन-चार बूंद कान में डालें 3-4 बार। यदि कान में सांय-सांय कर रहा हो तो थोड़ा-थोड़ा सोंठ, गुड़, घी मिलकर खाने से ठीक हो जायेगा।
जोड़ों पर दर्द- अदरक को पीसकर जोड़ों पर लेप करें। दर्द ठीक होगा। 250 ग्राम तिल के तेल में 500 ग्राम अदरक का रस मिलाकर पकाऐं जब सिर्फ तेल रह जाये तो उसे ठंडा कर शीशी में भर लें फिर संधि शोध (जोड़ों के दर्द) पर लगाऐं मालिश करें आराम आयेगा।
सावधानी-
गर्मी के दिनों में अदरक का प्रयोग अधिक न करें। अगर जरूरी हो तो बहुत कम मात्रा में करें कारण इसकी तस्वीर गर्म होती है। रक्त की उल्टी में अदरक का प्रयोग बिल्कुल न करें
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इसके उपयोग की जानकारी हो तो यह अनमोल है। अदरक के सूखने पर इसे सोंठ कहते हैं, ये दोनों ही रूप में हमारे लिये बलवर्धक है। यह जनाना तथा मर्दाना दोनों के लिये अत्याधिक उपयोगी है। अदरक के गुणों का वर्णन पुरातन चिकित्सा (आयुर्वेदिक चिकित्सा) पद्धति में बखूबी किया गया है।
सर्दी, जुकाम, खांसी, कफ, दमा में अदरक फायदा करता है। अदरक को जो किसी न किसी रूप में सेवन करता है वह हृदय रोग से दूर रहता है। अदरक शुगर तथा डायबिटीस को कंट्रोल करती है। अदरक, नींबू, सेंधा नमक मिलाकर खाने से, हमें कैंसर से बचाता है। जुकाम से, नाक बंद हो जाये, टॉन्सिल, बहरापन तथा कान बहने जैसे रोगों में अदरक का सेवन करें। इसी प्रकार अदरक तमाम परेशानियां दूर करती है।
अदरक के गुण
अरूचि- यदाकदा भोजन के प्रति अरूचि पैदा हो जाती तो अदरक का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर दिन में तीन-चार बार चाटें।
उंघना- पूरी नींद लेने के बाद भी काम के दौरान उंघना नींद आना जैसी परेशानी सताये तो सोंठ के चूर्ण के (अदरक का सूखा रूप) एक चुटकी चाय के खौलते पानी में डाल दें तथा सर्दी हो या मानसून में सुबह धूप में बैठकर धीरे-धीरे पिये जिससे आलस तथा नींद भाग जायेगी। ये उंघना, नींद शरीर में अम्लता के बढ़ जाने से होती है। यह हर समय नींद आना या उंघना एक बीमारी जैसी है। चाय में डालकर पीने से अदरक माँर्निंग सिकनेस दूर करती है।
शारीरिक कमजोरी- शारीरिक कमजोरी दूर करने के लिये अदरक एक घरेलू औषधि है। सोंठ इसका सूखा रूप है। आजकल अदरक अधिक से अधिक बाजारू खाने पीने की चीजों में इस्तेमाल किया जाता है। अदरक में बहुतायत में पौष्टिक तत्व पाये जाते हैं जैसे प्रोटीन, खनिज, कार्बोहाइड्रेट, रेशा,। अदरक शरीर को चुस्त व स्वस्थ बनाता है। साथ-साथ स्मरण शक्ति बढ़ाता है। अधिक सर्दी के दिनों में शरीर को उष्मा (गर्मी) देता है, शक्ति बनकर रोगों का निवारण करता है। अदरक आंतो के लिये एक पाचक टॉनिक जैसा है। सोंठ को घी, गुड़ में मिलाकर खाने से नई चेतना व शक्ति मिलती है। वृद्धावस्था में अधिकतर लोगों की पाचन शक्ति मंद पड़ जाती है तो सोंठ का कवाथ लाभकारी होता है। उबलते पानी में एक चम्मच अदरक का रस या सोंठ पाउडर डालें कुछ देर उबलने दें अब स्वादानुसार नमक या शहद डाल कर चुस्की ले कर पियें।
हिचकी- ताजे अदरक का टुकड़ा मुंह में रखकर चूसने से हिचकी जाती रहेगी।
मुंह में बदबू- अदरक का रस 1 चम्मच गर्म पानी में डालकर कुल्ला करें। मुंह की दुर्गंध जाती रहेगी।
लकवा तथा हाथ पैर सुन्न होना- उड़द की दाल पीसकर उसे घी में भूनें इसमें गुड़, सोंठ पीसकर मिला दें। लड्डू बनाये। इसे नित्य एक लड्डू का सेवन करें। सोंठ पाउडर व उड़द की दाल उबालकर इसका पानी पीने से लकवा ठीक होता है। हाथ पैर सुन्न होने पर एक गांठ लहसुन की तथा सोंठ पानी के साथ पीस लें जो अंग सुन्न हो रहा हो उस पर इसका लेप करें तथा बासी मुंह दो कली लहसुन की व जरा सी सोंठ चबायें। यह प्रयोग कम से कम 10-12 दिन तक करें अवश्य आराम मिलेगा।
कान का दर्द – ठंडी हवा या कान में मैल जमने से या फिर फुंसी होने से कान में दर्द हो तो अदरक का रस कपड़े से छानकर, गुनगुना कर तीन-चार बूंद कान में डालें 3-4 बार। यदि कान में सांय-सांय कर रहा हो तो थोड़ा-थोड़ा सोंठ, गुड़, घी मिलकर खाने से ठीक हो जायेगा।
जोड़ों पर दर्द- अदरक को पीसकर जोड़ों पर लेप करें। दर्द ठीक होगा। 250 ग्राम तिल के तेल में 500 ग्राम अदरक का रस मिलाकर पकाऐं जब सिर्फ तेल रह जाये तो उसे ठंडा कर शीशी में भर लें फिर संधि शोध (जोड़ों के दर्द) पर लगाऐं मालिश करें आराम आयेगा।
सावधानी-
गर्मी के दिनों में अदरक का प्रयोग अधिक न करें। अगर जरूरी हो तो बहुत कम मात्रा में करें कारण इसकी तस्वीर गर्म होती है। रक्त की उल्टी में अदरक का प्रयोग बिल्कुल न करें
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