मेरा भारत देश महान है Mera Bharat Desh Mahaan hai
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मैं ऐसे देश में रहता हूँ जिसे लोग कई नामों से जानते हैं। मेरा देश भारत है। कुछ लोग इसे हिन्दुस्तान कहते हैं, तो कुछ लोग इसे आर्यावर्त के नाम से भी जानते हैं। विदेशी लोग इसे इण्डिया के नाम से जानते हैं। पहले यह देश 'सोने की चिड़िया' के रूप में जाना जाता था।
मैं ऐसे देश में रहता हूँ जिसे लोग कई नामों से जानते हैं। मेरा देश भारत है। कुछ लोग इसे हिन्दुस्तान कहते हैं, तो कुछ लोग इसे आर्यावर्त के नाम से भी जानते हैं। विदेशी लोग इसे इण्डिया के नाम से जानते हैं। पहले यह देश 'सोने की चिड़िया' के रूप में जाना जाता था।
हम अपने भारत देश से बहुत प्यार है। हमारी मात्र भाषा हिंदी है। भारत में हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी धर्मो के लोग रहते है। भारत के पूर्व में बंगाल की खाड़ी और ब्रह्य देश स्थित हैं। पश्चिम में अरब सागर इसे घेरे हुए है। उत्तर में विश्व का सबसे ऊँचा पहाड़ हिमालय हमारा प्रहरी बन कर खड़ा है। दक्षिण में हिन्द महासागर इसके चरण धो रहा है।
भारत में कई बड़ी नदियाँ हैं । गंगा नदी भारतीय संस्कृति में अत्यंत पवित्र मानी जाती है। अन्य बड़ी नदियाँ सिन्धु, नर्मदा, ब्रह्मपुत्र, यमुना, गोदावरी, कावेरी, कृष्णा, चम्बल, सतलज, व्यास आदि हैं। भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। और जनसँख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सब से बड़ा देश है। भारत की राजधानी नई दिल्ली है। भारत के अन्य बड़े महानगर मुम्बई (बम्बई), कोलकाता (कलकत्ता) और चेन्नई (मद्रास) हैं।
सुभाषचन्द्र बोस, सरदार भगतसिंह चन्द्रशेखर आजाद, राजगुरु और सुखदेव आदि देश भगत इसी देश में पैदा हुए है। गोपाल कृष्ण गोखले, लोकमान्य बालगंगाधर तिलक, सरदार वल्लभ भाई पटेल, रामप्रसाद बिस्मिल, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, जवाहरलाल नेहरू, राजगोपालाचारी, और महात्मा गांधी आदि महापुरुष इस देश के इतिहाश की शान है। मेरा भारत देश महान है। हमें अपने देश भारत पर गर्व है। हमारे लिए यह प्राणों से प्यारा है।
भारत देश पर कविता – Poem on India
Poem - 1
“वह देश कौन-सा है”
जो प्रकृति की गोद में बसा है।
स्वर्ग-सा सारा जहाँ है वह देश कौन-सा है।।
मैदान गिरि वनों में हरियालियाँ लहकती।
आनंदमय जहाँ है वह देश कौन-सा है।।
जिसका चरण निरंतर रतनेश धो रहा है।
जिसका मुकुट हिमालय वह देश कौन-सा है।।
नदियाँ जहाँ सुधा की धारा बहा रही हैं।
सींचा हुआ सलोना वह देश कौन-सा है।।
जिसके बड़े रसीले फल कंद नाज मेवे।
सब अंग में सजे हैं वह देश कौन-सा है।।
जिसके अनंत धन से धरती भरी पड़ी है।
संसार का शिरोमणि वह देश कौन-सा है।।
~ रामनरेश त्रिपाठी
Poem - 2
“वहीँ है मेरा हिन्दुस्तां”
जहाँ हर चीज है प्यारी, सभी हैं चाहत के पुजारी
प्यारी जिसकी हर सुबह, वही है मेरा हिन्दुस्तां
जहाँ ग़ालिब की ग़ज़ल है, वो प्यारा ताज महल है
प्यार का एक निशां, वही है मेरा हिन्दुस्तां
जहाँ फूलों का बिस्तर है, जहाँ अम्बर की चादर है
सुहाना हर इक मंजर है, वही है मेरा हिन्दुस्तां
वो झरने और हवाएँ, सभी मिल जुल कर गायें
प्यार का गीत जहां, वही है मेरा हिन्दुस्तां
जहां कभी होली तो दिवाली है, वो बिंदिया चुनरी पायल
वो साडी मेहंदी काजल, वही है मेरा हिन्दुस्तां
कही पे नदियाँ बलखाएं, कहीं पे पंछी इतरायें
बसंती झूले लहराएं, जहां अन्गिन्त हैं भाषाएं
सुबह जैसे ही चमकी, बजी मंदिर में घंटी
और मस्जिद में अजां, वही है मेरा हिन्दुस्तां
लो फिर स्वतंत्र दिवस आया, तिरंगा सबने लहराया
लेकर फिरे यहाँ-वहां, वहीँ है मेरा हिन्दुस्तां
Poem - 3
“मेरा भारत महान है”
मेरे देश की माटी ऐसी, जहां जन्म लेते भगवान
मेरा भारत देश महान, मेरा भारत देश महान
जिसकी सुहानी सुबह है होती, होती सुनहरी शाम है
वीर बहादुर जन्मे जिसमें वही मेरा भारत महान है
भारत की माटी के पुतले लोहे के माने जाते हैं
गांधी, तिलक, बोस, नेहरू, इस नाम से जाने जाते हैं
फिर बने सोने की चिड़िया हम सबका है ये अरमान
मेरा भारत देश महान, मेरा भारत देश महान
Poem - 4
“देश मेरा प्यारा”
देश मेरा प्यारा, दुनिया से न्यारा
धरती पे जैसे स्वर्ग उतारा।
ऊँचे पहाड़ों में फूलों की घाटी।
प्यारे पठारों में खनिजों की बाटी।
हरे-भरे खेतों में सरगम बजाएँ।
नदियों के पानी में चाहूँ मैं तरना।
मन ये गगन में उड़े रे।
ऐसे ये जी से जुड़े रे।
दूर मेरा देश ये गाँवों में बसता।
मुझको पुकारे है एक-एक रस्ता।
पैठा पवन मेरे पाँव में।
आना जी तू भी गाँव में।
देश मेरा प्यारा, दुनिया से न्यारा।
धरती पर जैसे स्वर्ग है।
जाँ भी इसे उत्सर्ग
~ अभिरंजन कुमार
Poem - 5
“हमको अपनी मातृभूमि से बेहद प्यार है”
हमको अपनी मातृभूमि से बेहद प्यार है।
यह जन्मभूमि, यह कर्मभूमि, यह अपनी पहचान है,
जो न करे सम्मान इसका, उसका जीना बेकार है,
हमको अपनी मातृभूमि से बेहद प्यार है।
दिवानों की दिवानगी में, भारत इसका नाम है,
इसकी सीमा रक्षा हेतु, जीवन अपना कुर्बान है,
हमको अपनी मातृभूमि से बेहद प्यार है।
इसकी ओर उठी हर बुरी नजर को, वीरों ने हर बार झुकाया है,
हर जीत के बाद लहराता, तिरंगा जिसकी शान है,
हमको अपनी मातृभूमि से बेहद प्यार है।
इसके सम्मान को कभी कोई न कम कर पाया है,
बढ़ते हुए दुश्मनों के दल को, वीरों ने मार भगाया है,
हमको अपनी मातृभूमि से बेहद प्यार है।
आजाद, भगत, बोस जैसे युवा, इस देश की पहचान है,
इनके जीवन से प्रेरित, हर भारतवासी महान है,
हमको अपनी मातृभूमि से बेहद प्यार है।
जय हिन्द, जय भारत।
~ वन्दना शर्मा
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भारत में कई बड़ी नदियाँ हैं । गंगा नदी भारतीय संस्कृति में अत्यंत पवित्र मानी जाती है। अन्य बड़ी नदियाँ सिन्धु, नर्मदा, ब्रह्मपुत्र, यमुना, गोदावरी, कावेरी, कृष्णा, चम्बल, सतलज, व्यास आदि हैं। भारत भौगोलिक क्षेत्रफल के आधार पर विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा राष्ट्र है। और जनसँख्या के दृष्टिकोण से दूसरा सब से बड़ा देश है। भारत की राजधानी नई दिल्ली है। भारत के अन्य बड़े महानगर मुम्बई (बम्बई), कोलकाता (कलकत्ता) और चेन्नई (मद्रास) हैं।
सुभाषचन्द्र बोस, सरदार भगतसिंह चन्द्रशेखर आजाद, राजगुरु और सुखदेव आदि देश भगत इसी देश में पैदा हुए है। गोपाल कृष्ण गोखले, लोकमान्य बालगंगाधर तिलक, सरदार वल्लभ भाई पटेल, रामप्रसाद बिस्मिल, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, जवाहरलाल नेहरू, राजगोपालाचारी, और महात्मा गांधी आदि महापुरुष इस देश के इतिहाश की शान है। मेरा भारत देश महान है। हमें अपने देश भारत पर गर्व है। हमारे लिए यह प्राणों से प्यारा है।
भारत देश पर कविता – Poem on India
Poem - 1
“वह देश कौन-सा है”
जो प्रकृति की गोद में बसा है।
स्वर्ग-सा सारा जहाँ है वह देश कौन-सा है।।
मैदान गिरि वनों में हरियालियाँ लहकती।
आनंदमय जहाँ है वह देश कौन-सा है।।
जिसका चरण निरंतर रतनेश धो रहा है।
जिसका मुकुट हिमालय वह देश कौन-सा है।।
नदियाँ जहाँ सुधा की धारा बहा रही हैं।
सींचा हुआ सलोना वह देश कौन-सा है।।
जिसके बड़े रसीले फल कंद नाज मेवे।
सब अंग में सजे हैं वह देश कौन-सा है।।
जिसके अनंत धन से धरती भरी पड़ी है।
संसार का शिरोमणि वह देश कौन-सा है।।
~ रामनरेश त्रिपाठी
Poem - 2
“वहीँ है मेरा हिन्दुस्तां”
जहाँ हर चीज है प्यारी, सभी हैं चाहत के पुजारी
प्यारी जिसकी हर सुबह, वही है मेरा हिन्दुस्तां
जहाँ ग़ालिब की ग़ज़ल है, वो प्यारा ताज महल है
प्यार का एक निशां, वही है मेरा हिन्दुस्तां
जहाँ फूलों का बिस्तर है, जहाँ अम्बर की चादर है
सुहाना हर इक मंजर है, वही है मेरा हिन्दुस्तां
वो झरने और हवाएँ, सभी मिल जुल कर गायें
प्यार का गीत जहां, वही है मेरा हिन्दुस्तां
जहां कभी होली तो दिवाली है, वो बिंदिया चुनरी पायल
वो साडी मेहंदी काजल, वही है मेरा हिन्दुस्तां
कही पे नदियाँ बलखाएं, कहीं पे पंछी इतरायें
बसंती झूले लहराएं, जहां अन्गिन्त हैं भाषाएं
सुबह जैसे ही चमकी, बजी मंदिर में घंटी
और मस्जिद में अजां, वही है मेरा हिन्दुस्तां
लो फिर स्वतंत्र दिवस आया, तिरंगा सबने लहराया
लेकर फिरे यहाँ-वहां, वहीँ है मेरा हिन्दुस्तां
Poem - 3
“मेरा भारत महान है”
मेरे देश की माटी ऐसी, जहां जन्म लेते भगवान
मेरा भारत देश महान, मेरा भारत देश महान
जिसकी सुहानी सुबह है होती, होती सुनहरी शाम है
वीर बहादुर जन्मे जिसमें वही मेरा भारत महान है
भारत की माटी के पुतले लोहे के माने जाते हैं
गांधी, तिलक, बोस, नेहरू, इस नाम से जाने जाते हैं
फिर बने सोने की चिड़िया हम सबका है ये अरमान
मेरा भारत देश महान, मेरा भारत देश महान
Poem - 4
“देश मेरा प्यारा”
देश मेरा प्यारा, दुनिया से न्यारा
धरती पे जैसे स्वर्ग उतारा।
ऊँचे पहाड़ों में फूलों की घाटी।
प्यारे पठारों में खनिजों की बाटी।
हरे-भरे खेतों में सरगम बजाएँ।
नदियों के पानी में चाहूँ मैं तरना।
मन ये गगन में उड़े रे।
ऐसे ये जी से जुड़े रे।
दूर मेरा देश ये गाँवों में बसता।
मुझको पुकारे है एक-एक रस्ता।
पैठा पवन मेरे पाँव में।
आना जी तू भी गाँव में।
देश मेरा प्यारा, दुनिया से न्यारा।
धरती पर जैसे स्वर्ग है।
जाँ भी इसे उत्सर्ग
~ अभिरंजन कुमार
Poem - 5
“हमको अपनी मातृभूमि से बेहद प्यार है”
हमको अपनी मातृभूमि से बेहद प्यार है।
यह जन्मभूमि, यह कर्मभूमि, यह अपनी पहचान है,
जो न करे सम्मान इसका, उसका जीना बेकार है,
हमको अपनी मातृभूमि से बेहद प्यार है।
दिवानों की दिवानगी में, भारत इसका नाम है,
इसकी सीमा रक्षा हेतु, जीवन अपना कुर्बान है,
हमको अपनी मातृभूमि से बेहद प्यार है।
इसकी ओर उठी हर बुरी नजर को, वीरों ने हर बार झुकाया है,
हर जीत के बाद लहराता, तिरंगा जिसकी शान है,
हमको अपनी मातृभूमि से बेहद प्यार है।
इसके सम्मान को कभी कोई न कम कर पाया है,
बढ़ते हुए दुश्मनों के दल को, वीरों ने मार भगाया है,
हमको अपनी मातृभूमि से बेहद प्यार है।
आजाद, भगत, बोस जैसे युवा, इस देश की पहचान है,
इनके जीवन से प्रेरित, हर भारतवासी महान है,
हमको अपनी मातृभूमि से बेहद प्यार है।
जय हिन्द, जय भारत।
~ वन्दना शर्मा
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