बच्चों में तनाव का कारण - Bachcho me tanaav ka karan
बच्चों में तनाव का कारण - Bachcho me tanaav ka karan. बच्चों को तनाव से बचाए, bachho ko tanav kyun hota hai. बदलती जीवनशैली का असर सिर्फ बड़ों पर ही नहीं बल्कि बच्चों पर भी हो रहा है, Agar aap adhik manasik tanav mein jujhe rahatey hain to savdhan ho jaiye, Protect children from tension, stress, strain, बच्चों का तनाव कम कैसे करें? बच्चों में तनाव, बच्चों में मानसिक तनाव, बच्चों में संज्ञानात्मक तनाव, बच्चों में बढ़ता तनाव.
पहले तनाव उम्रदराज लोगों में देखा जाता था, लेकिन अब छोटे बच्चे भी तनाव का शिकार हो रहे हैं। यहां तक कि बच्चों में आत्महत्या की प्रवृति भी तेजी से बढ़ रही है।
इसका सबसे बड़ा कारण है अकेलापन। तन्हाई की काली छाया बच्चो पर भी पड़ रही है। एक वो समय था जब बचपन अपने पुरे उफान पर होता था और पार्क बच्चो से भरे रहते थे। कोई खेल का मैदान खाली नहीं रहता था।
एक आज का युग है जब कोई कम्प्यूटर खाली नहीं होता। बच्चे कम्प्यूटरो से चिपके रहते है। चैटिंग करने के लिए बच्चो के अनगिनत दोस्त है। ये साइलेंट दोस्त है और यही साइलेंट फ्रेंडशिप साइलेंट किलर बनती है। इसी साइलेंट किलर के कारण बच्चे अपने मन की बात किसी से कह नहीं पाते है। माँ – बाप से वे दूर हो गए है और दोस्तों के चिढाने का भय होता है। इससे उनके मन का प्रेसर बाहर नहीं निकलता और प्रेशर कुकर की भांति एक दिन उनका धर्य फट जाता है। नतीजा – मौत।
आत्महत्या वो ही बच्चे करते है जो किसी दबाव के चलते, उचित मार्गदर्शन के अभाव में और सकारात्मक सोच की कमी के चलते मन की बात किसी से कह नहीं पाते और भीतर ही भीतर घुटते रहते है। जरुरी है की अभिभावक और अध्यापक तानाशाही का रवैया छोड़ कर उनके दोस्त बने ताकि कोई बच्चा फासी के फंदे को न चूमे, चाट से छलांग ना लगाए और ना ही विषपान करें।
फूलो को कुम्भलाने से बचाना समाज का दायित्व है। हमारा दायित्व है। शायद तभी हम अपने बच्चो को उज्जवल भविष्य का सूरज बना पाएँगे और तभी वे संसार में रौशनी फ़ैलाने में समर्थ होंगे।
Thanks for reading...
Tags: बच्चों में तनाव का कारण - Bachcho me tanaav ka karan. बच्चों को तनाव से बचाए, bachho ko tanav kyun hota hai. बदलती जीवनशैली का असर सिर्फ बड़ों पर ही नहीं बल्कि बच्चों पर भी हो रहा है, Agar aap adhik manasik tanav mein jujhe rahatey hain to savdhan ho jaiye, Protect children from tension, stress, strain, बच्चों का तनाव कम कैसे करें? बच्चों में तनाव, बच्चों में मानसिक तनाव, बच्चों में संज्ञानात्मक तनाव, बच्चों में बढ़ता तनाव.
पहले तनाव उम्रदराज लोगों में देखा जाता था, लेकिन अब छोटे बच्चे भी तनाव का शिकार हो रहे हैं। यहां तक कि बच्चों में आत्महत्या की प्रवृति भी तेजी से बढ़ रही है।
इसका सबसे बड़ा कारण है अकेलापन। तन्हाई की काली छाया बच्चो पर भी पड़ रही है। एक वो समय था जब बचपन अपने पुरे उफान पर होता था और पार्क बच्चो से भरे रहते थे। कोई खेल का मैदान खाली नहीं रहता था।
एक आज का युग है जब कोई कम्प्यूटर खाली नहीं होता। बच्चे कम्प्यूटरो से चिपके रहते है। चैटिंग करने के लिए बच्चो के अनगिनत दोस्त है। ये साइलेंट दोस्त है और यही साइलेंट फ्रेंडशिप साइलेंट किलर बनती है। इसी साइलेंट किलर के कारण बच्चे अपने मन की बात किसी से कह नहीं पाते है। माँ – बाप से वे दूर हो गए है और दोस्तों के चिढाने का भय होता है। इससे उनके मन का प्रेसर बाहर नहीं निकलता और प्रेशर कुकर की भांति एक दिन उनका धर्य फट जाता है। नतीजा – मौत।
आत्महत्या वो ही बच्चे करते है जो किसी दबाव के चलते, उचित मार्गदर्शन के अभाव में और सकारात्मक सोच की कमी के चलते मन की बात किसी से कह नहीं पाते और भीतर ही भीतर घुटते रहते है। जरुरी है की अभिभावक और अध्यापक तानाशाही का रवैया छोड़ कर उनके दोस्त बने ताकि कोई बच्चा फासी के फंदे को न चूमे, चाट से छलांग ना लगाए और ना ही विषपान करें।
फूलो को कुम्भलाने से बचाना समाज का दायित्व है। हमारा दायित्व है। शायद तभी हम अपने बच्चो को उज्जवल भविष्य का सूरज बना पाएँगे और तभी वे संसार में रौशनी फ़ैलाने में समर्थ होंगे।
Thanks for reading...
Tags: बच्चों में तनाव का कारण - Bachcho me tanaav ka karan. बच्चों को तनाव से बचाए, bachho ko tanav kyun hota hai. बदलती जीवनशैली का असर सिर्फ बड़ों पर ही नहीं बल्कि बच्चों पर भी हो रहा है, Agar aap adhik manasik tanav mein jujhe rahatey hain to savdhan ho jaiye, Protect children from tension, stress, strain, बच्चों का तनाव कम कैसे करें? बच्चों में तनाव, बच्चों में मानसिक तनाव, बच्चों में संज्ञानात्मक तनाव, बच्चों में बढ़ता तनाव.
एक टिप्पणी भेजें
प्रिय दोस्त, आपने हमारा पोस्ट पढ़ा इसके लिए हम आपका धन्यवाद करते है. आपको हमारा यह पोस्ट कैसा लगा और आप क्या नया चाहते है इस बारे में कमेंट करके जरुर बताएं. कमेंट बॉक्स में अपने विचार लिखें और Publish बटन को दबाएँ.