घमंडी को मिली सजा - Ghamandi ko mili sajaa
Ghamand na kren, घमंडी को मिली सजा, Ghamandi ko mili sajaa, Ghamandi ka
sir nicha, Ram Ram Kiya Kro isse bhi Ram ka simaran hota hai. ज्ञानवर्धक कहानी हिंदी में यहाँ से पढ़ें. इन्सान को कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए क्योंकि सदैव ही घमंडी का सिर नीचा होता है.घमंडी को हमेशा ही पछताना पड़ता है.
गरीब हो या अमिर, साधू हो या ब्राह्मण, राजा हो या रंक सभी से प्रेम पूर्वक रहना चाहिए। हमें भगवान को कभी नहीं भूलना चाहिए। हमें भगवान का नाम लेना चाहिए। यदि कोई हमें राम – राम करता है तो हमें भी उसे राम – राम करना चाहिए।
गरीब हो या अमिर, साधू हो या ब्राह्मण, राजा हो या रंक सभी से प्रेम पूर्वक रहना चाहिए। हमें भगवान को कभी नहीं भूलना चाहिए। हमें भगवान का नाम लेना चाहिए। यदि कोई हमें राम – राम करता है तो हमें भी उसे राम – राम करना चाहिए।
लेकिन कुछ लोग ऐसे भी होते है जो धन के नशे में इतना चूर हो जाते है की किसी से ढंग से बात नहीं करते। वो डरते है की कही कोई उनसे कुछ मांग ना ले। वो धन के नशे में घमंडी भी हो जाते है। ऐसी ही कहानी आज आपके सामने लेकर आया हूँ। जरुर पढ़ें।
एक बार एक धनी सेठ था। वह सुबह उठाकर नदी में नहाकर आता था और इसके बाद घर पर ही पूजा पाठ किया करता था। एक दिन वह नदी पर नहा रहा था। वहां एक साधू आ गया। वह साधू सेठ से बोला – सेठ जी राम - राम। सेठ जी सुनने के बाद भी नहीं बोला। साधू ने सोचा सेठ को सुनाई नहीं दिया होगा। साधू फिर थोड़ी तेज आवाज में बोला - सेठ जी राम - राम। सेठ जी अब भी नहीं बोला। अब सेठ स्नान कर चूका था। जैसे ही सेठ साधू के नजदीक से निकलने लगा, साधू फिर बोला - सेठ जी राम - राम। इस बार सेठ काफी घमंडी आवाज में बोला – अरे हट। और यह कहकर सेठ घर की तरफ चल दिया।
साधू ने सोचा सेठ बहुत घमंडी है इसको सबक सिखाना होगा। साधू ने सेठ का रूप धारण किया और सेठ से पहले ही सेठ के घर जा पहुंचा। वहां जाकर उसने अपने बेटे, पत्नी और नौकर से कहाँ की कोई मेरा रूप धारण करके मेरे पीछे आ रहा है। उसे अन्दर मत आने देना।
जैसे ही वह साधू घर पहुंचा नौकर ने उसे दरवाजे से अन्दर आने से रोक दिया। सेठ को गुस्सा आया और उसने अपने बेटे को आवाज लगाई। उसका बेटा और पत्नी भी उसी से झगड़ने लगे और अन्दर आने से रोक दिया। सेठ बना वह साधू अन्दर पूजा पाठ कर रहा था। सेठ ने सोचा की यह तो गजब हो गयां ये बहरूपिया मेरा सारा धन ले जाएगा। इसलिए वह गावं के सरपंच के पास गया।
सरपंच ने सेठ को पंचायत में बुलाया। सरपंच दोनों को देखकर आश्चर्य चकित रह गया। उसे समझ नहीं आ रहा था की असली सेठ कौन है। तभी सेठ का लड़का बही लेकर वहां आया और बोला - इसका फैसला इस बही से होगा। जो इसमें लिखी सारी लेन – देन बता देगा वहीँ सही है। पहले असली सेठ से पूछा गया। उसने केवल कुछ ही लेन – देन सही बताई। अब सेठ बने साधू से पूछा गया उसने सारी बही में किस पन्ने पर किसके खाते में कितना – कितना लेना - देना है सब बिलकुल सही बता दिया।
सेठ के बेटे ने सेठ बने साधू को असली सेठ बताया। और असली सेठ को झूठा बताते हुए सरपंच से सजा देने की मांग की। लेकिन साधू के मना करने पर सेठ को छोड़ दिया गया। अब साधू अपने सही रूप में आया और नहर पर बीती सारी बात बताई। सेठ ने साधू से क्षमा मांगी। और भविष्य में कभी दोबारा ऐसा ना करने का वचन दिया।
Thanks for reading...
Tags: Ghamand na kren, घमंडी को मिली सजा, Ghamandi ko mili sajaa, Ghamandi ka sir nicha, Ram Ram Kiya Kro isse bhi Ram ka simaran hota hai. ज्ञानवर्धक कहानी हिंदी में यहाँ से पढ़ें. इन्सान को कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए क्योंकि सदैव ही घमंडी का सिर नीचा होता है.घमंडी को हमेशा ही पछताना पड़ता है.
एक टिप्पणी भेजें
प्रिय दोस्त, आपने हमारा पोस्ट पढ़ा इसके लिए हम आपका धन्यवाद करते है. आपको हमारा यह पोस्ट कैसा लगा और आप क्या नया चाहते है इस बारे में कमेंट करके जरुर बताएं. कमेंट बॉक्स में अपने विचार लिखें और Publish बटन को दबाएँ.