घर को स्वर्ग बनाने का तरीका - Ghar ko swarg banane ka tarika
घर को स्वर्ग बनाने का तरीका, Ghar ko swarg banane ka tarika, aise banaye
ghar me shanti ka mahol, ghar se jhagda mitaane ka upay, prem ki
sthapna aise karen. क्या करें की आपका घर स्वर्ग जैसा बन जाए. क्या आप जानते है अपने घर में ही स्वर्ग कैसे बनाया जा सकता है?
दोस्तों क्या आपके घर में आपसी झगड़ा रहता है। क्या आप आपके घर में भी सास – बहु के बीच आपसी तकरार बनी रहती है। इसका एक आसान सा इलाज है। इसे जानने के लिये ये पोस्ट पढ़े।
दोस्तों घर के सदस्यों में आपसी झगड़ा होना लगभग हर जगह देखने को मिलता है। सास बहु की तो बात ही क्या करें, इन्हें तो बस लड़ाई करने का कोई बहाना चाहिए। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है की ये झगड़ा क्यों होता है। और इसे कैसे रोका जा सकता है। आइये इसे जानने के लिए ये कहानी पढ़े।
एक बार एक घर में सास – बहु की छोटी – छोटी बातों पर तकरार हो जाती थी। उस गाँव में एक पहुंचे हुए महात्मा का सत्संग चल रहा था। सत्संग पूरा होने के बाद माताजी महात्मा के पास गई और बोली गुरूजी मेरी बहु मुझसे बहुत झगड़ा करती है उसका कोई उपाय कीजिए। महात्मा ने माताजी से कहा – माताजी कल आप अपनी बहु और बेटे को मेरे पास लेकर आना।
अगले दिन माताजी अपने बेटे और बहु के साथ वहां पहुँच गई। महात्मा ने बहु से झगड़ा होने का कारण पूछा तो बहु ने सारा कसूर सास का बताया। महात्मा ने एक कागज पर कुछ लिखा और उसे एक ताबीज में डालकर बहु को दे दिया और बोले – बेटी आज से तुम इस ताबीज को पहनो। और तुम्हारी सास तुम्हे जो भी काम करने के लिए कहे उसे झट से कर देना और कभी अपनी सास आगे मत बोलना।
बहु ने हाथ जोड़कर महात्मा जी से कहा – महात्मा जी आप मेरे लिए मेरे पिता समान है मैं आपकी आज्ञा का पालन करुँगी। महात्मा फिर बोले बेटी तुम्हे इस वचन का एक साल तक पालन करना पड़ेगा, जिस दिन भी तुमने इस वचन को नहीं निभाया उसी दिन से तुम्हारे पिछले दिनों का महत्त्व ख़त्म हो जाएगा और तुम्हे फिर से एक साल तक यह वचन निभाना होगा।
दो साल बाद फिर एक दिन महात्मा उस गाँव में आए हुए थे। जैसे ही माता जी को पता चला वो अपनी बहु और बेटे को साथ लेकर महात्मा जी के दर्शन करने गई। उसने महात्मा जी से कहा – गुरूजी आपके बनाए ताबीज से हम दोनों के बीच की लड़ाई ख़त्म हो गई आप धन्य है।
गुरु जी बोले मेरे ताबीज में ऐसा कुछ नहीं है ये सब तो आप दोनों का ही किया हुआ है। लाओ वो ताबीज मुझे दो। बहु ने वो ताबीज महात्मा जी को दे दिया। महात्मा जी ने उस ताबीज को तोड़कर उसमे से वो कागज निकाल कर उस पर लिखे हुए शब्दों को पढ़ा।
उस कागज पर लिखा था :-
सास - बहु लड़े इससे मुझे क्या मिलेगा।
सास बहु ना लड़े इससे मुझे क्या मिलेगा।।
ये सुनकर सभी हैरान हुए और बोले महाराज हम कुछ समझे नहीं। महात्मा ने कहा – झगड़ा जिस छोटी या बड़ी बात पर होता है यदि वो बात ही ना होगी तो झगड़ा कहाँ से होगा। यदि बहु अपनी सास का कहना मानेगी और कभी उसके आगे नहीं बोलेगी तो सास भी बहु को बेटी समझेगी।
सिर्फ सास – बहु ही नहीं, घर के अन्य सदस्य भी यदि एक दुसरे का कहना मानेंगे और आगे नहीं बोलेंगे तो झगड़ा हो ही नहीं सकता। यदि कभी कोई कार्य करते हुए भी कोई नुकशान हो जाएँ तो उसे एक - दुसरे के सिर ना डाले, बल्कि उस नुकशान के आगे ना होने के बारे में सलाह सभी इकट्ठे बैठकर करें। क्योंकि कई बार ऐसा हो जाता है की हम किसी कार्य को फायदे के लिए करते है लेकिन फिर भी नुकशान ही हाथ लगता है।
एक बार फिर सबसे अनुरोध करता हूँ की बड़ो का तिरस्कार या अपमान ना करे। उनके आगे ना बोले उनकी अवहेलना ना करे। दुनियां की कोई भी ताकत आप के घरो में अशांति पैदा नहीं कर सकती।
आपको ये पोस्ट कैसा लगा कमेंट जरुर करे और इसे अपने दोस्तों में शेयर करे।
Thanks for reading...
Tags: घर को स्वर्ग बनाने का तरीका, Ghar ko swarg banane ka tarika, aise banaye ghar me shanti ka mahol, ghar se jhagda mitaane ka upay, prem ki sthapna aise karen. क्या करें की आपका घर स्वर्ग जैसा बन जाए. क्या आप जानते है अपने घर में ही स्वर्ग कैसे बनाया जा सकता है?
दोस्तों क्या आपके घर में आपसी झगड़ा रहता है। क्या आप आपके घर में भी सास – बहु के बीच आपसी तकरार बनी रहती है। इसका एक आसान सा इलाज है। इसे जानने के लिये ये पोस्ट पढ़े।
दोस्तों घर के सदस्यों में आपसी झगड़ा होना लगभग हर जगह देखने को मिलता है। सास बहु की तो बात ही क्या करें, इन्हें तो बस लड़ाई करने का कोई बहाना चाहिए। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है की ये झगड़ा क्यों होता है। और इसे कैसे रोका जा सकता है। आइये इसे जानने के लिए ये कहानी पढ़े।
एक बार एक घर में सास – बहु की छोटी – छोटी बातों पर तकरार हो जाती थी। उस गाँव में एक पहुंचे हुए महात्मा का सत्संग चल रहा था। सत्संग पूरा होने के बाद माताजी महात्मा के पास गई और बोली गुरूजी मेरी बहु मुझसे बहुत झगड़ा करती है उसका कोई उपाय कीजिए। महात्मा ने माताजी से कहा – माताजी कल आप अपनी बहु और बेटे को मेरे पास लेकर आना।
अगले दिन माताजी अपने बेटे और बहु के साथ वहां पहुँच गई। महात्मा ने बहु से झगड़ा होने का कारण पूछा तो बहु ने सारा कसूर सास का बताया। महात्मा ने एक कागज पर कुछ लिखा और उसे एक ताबीज में डालकर बहु को दे दिया और बोले – बेटी आज से तुम इस ताबीज को पहनो। और तुम्हारी सास तुम्हे जो भी काम करने के लिए कहे उसे झट से कर देना और कभी अपनी सास आगे मत बोलना।
बहु ने हाथ जोड़कर महात्मा जी से कहा – महात्मा जी आप मेरे लिए मेरे पिता समान है मैं आपकी आज्ञा का पालन करुँगी। महात्मा फिर बोले बेटी तुम्हे इस वचन का एक साल तक पालन करना पड़ेगा, जिस दिन भी तुमने इस वचन को नहीं निभाया उसी दिन से तुम्हारे पिछले दिनों का महत्त्व ख़त्म हो जाएगा और तुम्हे फिर से एक साल तक यह वचन निभाना होगा।
दो साल बाद फिर एक दिन महात्मा उस गाँव में आए हुए थे। जैसे ही माता जी को पता चला वो अपनी बहु और बेटे को साथ लेकर महात्मा जी के दर्शन करने गई। उसने महात्मा जी से कहा – गुरूजी आपके बनाए ताबीज से हम दोनों के बीच की लड़ाई ख़त्म हो गई आप धन्य है।
गुरु जी बोले मेरे ताबीज में ऐसा कुछ नहीं है ये सब तो आप दोनों का ही किया हुआ है। लाओ वो ताबीज मुझे दो। बहु ने वो ताबीज महात्मा जी को दे दिया। महात्मा जी ने उस ताबीज को तोड़कर उसमे से वो कागज निकाल कर उस पर लिखे हुए शब्दों को पढ़ा।
उस कागज पर लिखा था :-
सास - बहु लड़े इससे मुझे क्या मिलेगा।
सास बहु ना लड़े इससे मुझे क्या मिलेगा।।
ये सुनकर सभी हैरान हुए और बोले महाराज हम कुछ समझे नहीं। महात्मा ने कहा – झगड़ा जिस छोटी या बड़ी बात पर होता है यदि वो बात ही ना होगी तो झगड़ा कहाँ से होगा। यदि बहु अपनी सास का कहना मानेगी और कभी उसके आगे नहीं बोलेगी तो सास भी बहु को बेटी समझेगी।
सिर्फ सास – बहु ही नहीं, घर के अन्य सदस्य भी यदि एक दुसरे का कहना मानेंगे और आगे नहीं बोलेंगे तो झगड़ा हो ही नहीं सकता। यदि कभी कोई कार्य करते हुए भी कोई नुकशान हो जाएँ तो उसे एक - दुसरे के सिर ना डाले, बल्कि उस नुकशान के आगे ना होने के बारे में सलाह सभी इकट्ठे बैठकर करें। क्योंकि कई बार ऐसा हो जाता है की हम किसी कार्य को फायदे के लिए करते है लेकिन फिर भी नुकशान ही हाथ लगता है।
एक बार फिर सबसे अनुरोध करता हूँ की बड़ो का तिरस्कार या अपमान ना करे। उनके आगे ना बोले उनकी अवहेलना ना करे। दुनियां की कोई भी ताकत आप के घरो में अशांति पैदा नहीं कर सकती।
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