ब्रह्मचर्य-रक्षा का मंत्र Brahamcharay rakshya ka mantar
ब्रह्मचर्य-रक्षा का मंत्र Brahamcharay rakshya ka mantar, Defense of celibacy spells. ब्रह्मचार्य क्या है? ब्रह्मचार्य का पालन करने से क्या फायदा होता है? ब्रहमचर्य पालन कैसे करे. ब्रह्मचारी जीवन क्या है? मैं ब्रह्मचर्य का पालन कैसे कर सकता हूँ? ब्रह्मचर्य-पालन के नियम क्या है? कैसे करें ब्रह्मचर्य का पालन? ब्रह्मचर्य द्वारा आत्म बल का संचय.
देवताओं
को देवत्व भी इसी ब्रह्मचर्य के द्वारा प्राप्त हुआ है. ब्रह्मचर्यरूपी तप
से देवों ने मृत्यु को भी जीत लिया है| देवराज इन्द्र ने भी ब्रह्मचर्य के
प्रताप से ही देवताओं से अधिक सुख व उच्च पद को प्राप्त किया है|
- सर्व अवस्थाओं में मन, वचन और कर्म तीनों से मैथुन का सदैव त्याग हो, उसे ब्रह्मचर्य कहते हैं|
- विषय-इन्द्रियों द्वारा प्राप्त होने वाले सुख का संयमपूर्वक त्याग करना ब्रह्मचर्य है|
वीर्यरक्षण ही जीवन है
वीर्य इस शरीररूपी नगर का एक तरह से राजा ही है| यह वीर्यरूपी राजा यदि पुष्ट है, बलवान् है तो रोगरूपी शत्रु कभी शरीररूपी नगर पर आक्रमण नही करते| जिसका वीर्यरूपी राजा निर्बल है, उस शरीररूपी नगर को कई रोगरूपी शत्रु आकर घेर लेते हैं|
वैज्ञानिक लोग कहते हैं कि 32 किलोग्राम भोजन से 700 ग्राम रक्त बनता है और 700 ग्राम रक्त से लगभग 20 ग्राम वीर्य बनता है |
ब्रह्मचर्य रक्षा हेतु मंत्र
एक कटोरी दूध में निहारते हुए इस मंत्र का इक्कीस बार जप करें | तदपश्चात उस दूध को पी लें, ब्रह्मचर्य रक्षा में सहायता मिलती है | यह मंत्र सदैव मन में धारण करने योग्य है:
ॐ नमो भगवते महाबले पराक्रमाय मनोभिलाषितं मनः स्तंभ कुरु कुरु स्वाहा
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