चाय के पांच विशेष प्रकार Chay ke 5 vishesh prakar
जानें पांच विशेष प्रकार चाय के और उनके फायदे Jaane panch vishesh prakar
chay ke aur unke fayde, Learn the five specific types of teas and their
benefits. औषधि के रूप में उपयोग की जाने वाली चाय कितने प्रकार की होती है?कौनसी चाय का क्या फायदा है? क्या चाय पीनी चाहिए? औषधि के रूप में उपयोग की जाने वाली चाय कौन - कौन सी है? क्या चाय से उर्जा मिलती है?
अधिकतर लोगों के दिन की शुरुआत सुबह उठते ही बेड टी से हो जाती है। बहुत कम लोग ऐसे होंगे जो दिन में 2 से 3 कप चाय न पीते हों। चाय अंग्रेजों के समय से ही भारत में एक लोकप्रिय पेय रहा है। चाय आज लगभग हर व्यक्ति की दिनचर्या का एक हिस्सा है।
अधिकतर लोगों के दिन की शुरुआत सुबह उठते ही बेड टी से हो जाती है। बहुत कम लोग ऐसे होंगे जो दिन में 2 से 3 कप चाय न पीते हों। चाय अंग्रेजों के समय से ही भारत में एक लोकप्रिय पेय रहा है। चाय आज लगभग हर व्यक्ति की दिनचर्या का एक हिस्सा है।
आपने चाय के कई प्रकार भी सुने होंगे जैसे : ग्रीन टी, ब्लैक टी इत्यादि। आज हम आपको उन्हीं में से पांच विशेष प्रकार की चाय के बारे में बताने जा रहे हैं जो केवल ऊर्जा देने या अपने आपको रिचार्ज करने के लिए ही नहीं बल्कि औषधि के रूप में उपयोग करने वाली हैं:
- काली चाय (ब्लैक टी): जबरदस्त मिठास लिए ये चाय बगैर दूध की होती है। इस चाय को तैयार करने के लिए 2 कप पानी में एक चम्मच चाय की पत्ती और 3 चम्मच चीनी डालकर उबालें। जब चाय लगभग एक कप बचे तब इसे छानकर सेवन करें। हर्बल जानकारों के अनुसार मीठी चाय दिमाग को शांत करने में काफी सक्रिय भूमिका निभाती है यानि यह तनाव कम करने में मदद करती है।
- धनिया चाय: राजस्थान के काफी हिस्सों में धनिया की चाय स्वास्थ्य सुधार के हिसाब से पी जाती है। लगभग 2 कप पानी में जीरा, धनिया, चाय पत्ती और कुछ मात्रा में सौंफ डालकर करीब 2 मिनट तक उबालें। उसके बाद इसमे स्वादानुसार चीनी और अदरक डालें। गले की समस्याओं, अपचन और गैस से त्रस्त लोगों को इस चाय का सेवन करना चाहिए।
- अनंतमूली चाय: अनंतमूल स्वभाव से गर्म प्रकृति का पौधा होता है। इसकी जड़ों की चाय बनाई जाती है। लगभग 1 ग्राम साफ जड़ पानी में खौलाएं। इसी पानी में थोड़ी सी चाय की पत्ती भी डाल दें। दमा और सांस की बीमारी से ग्रस्त रोगियों को इसे पीने से फायदा होता है।
- खट्टी गौती चाय: गौती चाय बनाने के लिए पानी में संतरे और नींबू के छिलके डालें। इस पानी को कुछ देर उबालें और छानकर चाय का सेवन करें। इस चाय का रोज सेवन करेंगे तो आपकी जवानी लंबी उम्र तक बनी रहेगी।
- मुलेठी चाय: गुजरात के सौराष्ट्र में मुलेठी की चाय को जेठीमद चाय कहते हैं। मध्यभारत में इसे मुलेठी चाय के नाम से जाना जाता है। साधारण चाय तैयार करते समय चुटकी भर मात्रा मुलेठी की डाल दी जाए तो चाय स्वादिष्ठ लगती है। इसे ही मुलेठी की चाय कहा जाता है। यह चाय दमा और सर्दी खांसी से परेशान लोगों के लिए बेहद लाभदायक होती है।
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