पैरों के फंगल इन्फेक्शन का इलाज Pairo ke fangal infeksan ka ilaj
पैरों के फंगल इन्फेक्शन का इलाज Pairo ke fangal infeksan ka ilaj, Treat to fungal infections of the feet. फंगल इन्फेक्शन के घरेलू नुस्खे. जांघों के बीच फंगल संक्रमण के लिए घरेलू उपचार. कैसे पैर के फंगल संक्रमण से छुटकारा पाएँ? पैर के नाखूनों में होने वाले फंगल इन्फेक्शन का घरेलू उपचार. फंगल इंफेक्शन से बचने के घरेलू उपाय. फंगल इन्फेक्शन होम रेमेडी इन हिंदी. Home Remedies for Fungal Infection in Hindi. how to get rid of fungal infection by simple home remedies. फंगल संक्रमण का इलाज हिंदी में. फंगल इन्फेक्शन ट्रीटमेंट इन हिंदी. टोनेल फंगस को दूर करने के तरीके.
सर्दियों में ज्यादा ठंड होने पर पैरों में समस्या होना शुरू हो जाती हैं। पैरों के नाखुन में फंगस या कवक लगना एक आम समस्या हैं। इसके पीछे कई कारण होते हैं, लेकिन मुख्य रूप से इसका कारण गंदगी और साफ-सफाई की कमी होता है। जब टोनेल में इन्फेक्शन या फंगस हो जाता है, तो ये देखने में भद्दे लगने लगते हैं।
सर्दियों में ज्यादा ठंड होने पर पैरों में समस्या होना शुरू हो जाती हैं। पैरों के नाखुन में फंगस या कवक लगना एक आम समस्या हैं। इसके पीछे कई कारण होते हैं, लेकिन मुख्य रूप से इसका कारण गंदगी और साफ-सफाई की कमी होता है। जब टोनेल में इन्फेक्शन या फंगस हो जाता है, तो ये देखने में भद्दे लगने लगते हैं।
इन्फेक्शन के कारण नाखून भूरे रंग के होने लगते है और नाखून की चमक खो जाती है।
फंगल इन्फेक्शन क्या है: फंगल इन्फेक्शन होने का मुख्य कारण गंदगी और साफ-सफाई न होने की वजह से होता है। टोनेल में इन्फेक्शन या फंगस होने की वजह से नाखूनों का रंग भूरा हो जाता है,जो देखने में भद्दा लगता है। पैरों में फंगल इन्फेकेशन होने से नाखून पतले हो जाते है और नाखूनों का रंग और आकार भी बिगड़ जाता है। टोनेल फंगस के कारण उनमें खुजली,सूजन और दर्द जैसे लक्षण हो जाते हैं। सही समय पर इलाज व देखभाल न की जाए तो यह इन्फेक्शन गंभीर रूप ले सकता है।
टोनेल फंगस के कारण: हमारा शरीर कई प्रकार के माइक्रोआर्गेनिज्म जैसे बैक्टीरिया और फंगी के सम्पर्क में आता रहता है। इनमें से कुछ तो शरीर के लिए ठीक होते हैं,लेकिन कुछ बैक्टीरिया इन्फेक्शन का कारण बन जाते हैं। फंगस बालों,नाखूनों और त्वचा की बाहरी सतह पर रहते हैं। एथलिट्स फुट,दाद,जाघों के जोड़ो के पास होने वाले इन्फेक्शन को खुजाना और आंखों की पलकों और भौहों पर होने वाले डेंड्रफ को खुजाने से भी फंगल नेल इन्फेक्शन फैल सकता है। इस प्रकार का इन्फेक्शन अधिकतर मध्यम वर्ग की उम्र के लोगों में ज़्यादा होता हैं। अधिक समय पैरों का जूते में बंद रहना या काफी देर-देर कर पैरों का गीला रहना तथा त्वचा या नाखून में छोटी सी चोट भी नाखूनों के फंगल इन्फेक्शन का कारण बन सकती है।
टोनेल फंगस को दूर करने के तरीके:
- एंटी-फंगल क्रीम का प्रयोग करें। आप इस प्रकार नाखून के लिए एंटी-फंगल क्रीम दवा की दुकान में या कॉस्मेटिक स्टोर के नेल केयर सेक्शन में प्राप्त कर सकते हैं।
- फंगस को ऑक्सीजन के संपर्क से बचा कर रखें। ऐसा करने से नए नाखूनों में संक्रमण नहीं होता है और पुराना संक्रमण भी अधिक नहीं फैलता। इसके अलावा रात को सोते समय टोनेल पर वेसलीन लंगाएं। ऐसा करने से कवक का प्रसार नहीं होता है।
- सल्फर पाउडर का प्रयोग करें। यह अधिकांश दवा की दुकानों में उपलब्ध होता है और इसके लिए पर्चे या डॉक्टर की मान्यता की ज़रूरत भी नहीं होती है। यह आपको बागवानी की दुकान में भी मिल जाता है। आप इसे फंगस वाले नाखून पर एंटी फंगल-पाउडर के साथ मिलाकर भी लगा सकते हैं।
- टोनेल फंगस से छुकारा पाने के लिए बेकिंग सोडा का इस्तेमाल करें। यह पीएच को सुंतलित करने में मदद करता है। बेकिंग सोडा को पेस्ट बनाकर फंगस वाले नाखून पर लगाया जा सकता है या फिर जूतों में भी छिड़का जा सकता हैं।
- टोनेल फंगस से राहत पाने के लिए पानी में थोड़ा-सी हल्दी मिलाकर पेस्ट बना लें और इसे फंगस वाली जगह लगाएं और उसके आसपास की जगह पर मालिश करें,फंगस जल्द ही दूर होती रहेगी।
- नारियल का तेल त्वचा की किसी भी प्रकार की बीमारी या संक्रमण से बचाता है। इस तेल को फंगस की जगह पर लगाने से उससे होने वाले दर्द में आराम मिलता है। साथ ही यह फंगस बढ़ने से भी रोकता है।
- सिरका का उपयोग करें। अपने पैरों को हल्के गरम पानी और सिरके के घोल में डालकर कुछ देर तक रखें और फिर साफ करें। इससे नाखून में लगे फंगस एसिड के प्रकोप से खुद को बचा नहीं पाएंगे।
- नाखूनों को सूखा रखें क्योंकि गीले नाखून बैक्टीरिया और फंगस की चेपट में जल्दी आते हैं। पैरों को धोने के बाद उन्हें अच्छी तरह से तौलिए से पोछ लें और सुखा लें। टोनेल फंगस होने पर नाखून खुले सैंडल आदि पहनें,जिसमें से हवा आप पार हो सकें। बंद जूतों से पैदा होने वाले पसीने से पैरों में बैक्टीरिया पैदा होते हैं। बंद या कसे हुए जूते कतई न पहनें।
- साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें। पैरों में कभी भी एक ही मोजों को हफ्ते भर ना पहने रहें। इससे बैक्टीरिया और पसीना पैदा होते रहते हैं। सफेद मोजे को ब्लीच से साफ करें और अन्य रंग के मोजों को डिटर्जेंट से अच्छी तरह साफ करें। रोज नए जोड़ी मोज़े पहनें।
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