बच्चों की बेड टाइम ट्रेनिंग Bachcho ki bed time training
बच्चों की बेड टाइम ट्रेनिंग Bachcho ki bed time training, Children's Bedtime Training. यदि बच्चे रात में देरी से सोते है तो अपनाए ये तरीके. बच्चों में जल्दी सोने की आदत कैसे डालें? बच्चे को बिगड़ने से कैसे रोकें? बच्चे के मस्तिष्क का पूरा विकास क्यों नहीं हो पाता है?
आज की लाइफ स्टाइल पहले की लाइफ स्टाइल से बहुत अलग है। मोबाइल, टीवी, इंटरनेट ने हमारी जिंदगी में जितनी चीजें आसान बना दी है, उतना ही हम व्यस्त भी हो गए हैं।
अगर आपके बच्चे का प्री-स्कूल जाने का समय आ गया है और उसका अभी भी रात में सोने का कोई निर्धारित समय नहीं है तो यह आपके लिए एक समस्या का कारण हो सकता है।
जब तक बच्चा स्कूल न जाए तब तो ठीक है। अगर वह रात में देर से भी सोता है तो सुबह देर तक सोकर अपनी नींद पूरी कर सकता है, लेकिन जब वह स्कूल जाने लगता है तो उसकी नींद पूरी नहीं हो पाती और वह चिड़चिड़ाने लगता है...।
नींद पूरी न होने से बच्चे के मस्तिष्क का पूरा विकास नहीं हो पाता। क्या आप अपने बच्चे के स्कूल की शुरुआत ऐसे करना चाहेंगे? इसलिए शुरू से उसे बेड टाइम ट्रेनिंग की आदत डालनी चाहिए।
यह ठीक उसी तरह है जिस तरह हमारी मां हमें सोने से पहले अपनी लोरियां सुनाती थीं। आइए जानें कुछ ऐसी बातें जिससे हम अपने बच्चे को ट्रेंड कर सकते हैं बेड टाइम ट्रेनिंग के लिए-
1. बेड टाइम ट्रेनिंग आप 4 से 5 माह के बच्चे के साथ कर सकते हैं। शुरुआत में आपको थोड़ी समस्या जरूर होगी लेकिन बाद में यह बहुत मददगार साबित होगी। बच्चे को सुलाने से पहले आप उनकी हल्की-हल्की मालिश कीजिए। गुनगुने पानी से उनका मुंह-हाथ धोएं (स्पंज करना)।
2. उनके कपड़े बदलकर उन्हें बेड के लिए तैयार करें। एक समय पर कमरे की लाइट्स बंद कर दें। ऐसा करके आप उन्हें सिग्नल दे रहे हैं और बेड टाइम के लिए तैयार कर रहे हैं।
3. बच्चों को कोई गाना, सॉफ्ट म्यूजिक सुनाएं। लाइट बंद करने से पहले आप बच्चों को पिक्चर बुक्स भी दिखा सकती हैं। ऐसा करने से बच्चों को बुक्स पड़ने की आदत पड़ती है।
4. सोने से पहले भगवान का कोई सा मंत्र भी सुना सकती हैं। कुछ बच्चों को अपना मनपसंद खिलौना लेकर सोना भी अच्छा लगता है। बच्चों को सोने से पहले सॉफ्ट म्यूजिक सुनना बहुत अच्छा लगता है और उसे सुनने से उनके दिमाग का विकास भी होता है इसीलिए तो बरसों से चलता आ रहा लोरी का एक अपना ही महत्व है।
5. छोटे बच्चे (6 माह से 1 साल के बीच) रात में दूध के लिए जरूर उठते हैं। धीरे-धीरे उसका भी एक समय बनाते जाएं जिससे बच्चा और आप दोनों अच्छे से अपनी नींद पूरी कर सकें।
6. जैसे-जैसे बच्चा धीरे-धीरे बड़ा होता है, आप उसे बेड में जाने से पहले मुंह-हाथ धुलाकर ब्रश करना सिखाएं। कपड़े बदलकर उन्हें बेड के लिए तैयार करें। सोने से पहले उन्हें दूध जरूर दें। उन्हें उनका मनपसंद खिलौना दें।
7. उन्हें किताब से कहानी सुनाएं। शुरुआत में तो बच्चे को टाइम देना आवश्यक है, लेकिन धीरे-धीरे बच्चे को जब इस टाइम टेबल की आदत हो जाएगी तो आपके और बच्चे दोनों के लिए ही बहुत लाभदायक होगा।
8. शाम को उसे कोई हॉबी क्लास या बगीचे में घुमने के लिए ले जाएं जिससे बच्चा अपना समय टीवी और कंप्यूटर में ना देकर खेले - कूदे और थक जाए, ऐसा करने से उसे नींद अच्छी और जल्दी आएगी। कोशिश करें की उसे धीरे - धीरे अपने आप टाइम से बेड पर जाने की आदत हो जाए ताकि आप भी अपने आपको कुछ समय दे सकें।
Thanks for reading...
Tags: बच्चों की बेड टाइम ट्रेनिंग Bachcho ki bed time training, Children's Bedtime Training. यदि बच्चे रात में देरी से सोते है तो अपनाए ये तरीके. बच्चों में जल्दी सोने की आदत कैसे डालें? बच्चे को बिगड़ने से कैसे रोकें? बच्चे के मस्तिष्क का पूरा विकास क्यों नहीं हो पाता है?
आज की लाइफ स्टाइल पहले की लाइफ स्टाइल से बहुत अलग है। मोबाइल, टीवी, इंटरनेट ने हमारी जिंदगी में जितनी चीजें आसान बना दी है, उतना ही हम व्यस्त भी हो गए हैं।
अगर आपके बच्चे का प्री-स्कूल जाने का समय आ गया है और उसका अभी भी रात में सोने का कोई निर्धारित समय नहीं है तो यह आपके लिए एक समस्या का कारण हो सकता है।
जब तक बच्चा स्कूल न जाए तब तो ठीक है। अगर वह रात में देर से भी सोता है तो सुबह देर तक सोकर अपनी नींद पूरी कर सकता है, लेकिन जब वह स्कूल जाने लगता है तो उसकी नींद पूरी नहीं हो पाती और वह चिड़चिड़ाने लगता है...।
नींद पूरी न होने से बच्चे के मस्तिष्क का पूरा विकास नहीं हो पाता। क्या आप अपने बच्चे के स्कूल की शुरुआत ऐसे करना चाहेंगे? इसलिए शुरू से उसे बेड टाइम ट्रेनिंग की आदत डालनी चाहिए।
यह ठीक उसी तरह है जिस तरह हमारी मां हमें सोने से पहले अपनी लोरियां सुनाती थीं। आइए जानें कुछ ऐसी बातें जिससे हम अपने बच्चे को ट्रेंड कर सकते हैं बेड टाइम ट्रेनिंग के लिए-
1. बेड टाइम ट्रेनिंग आप 4 से 5 माह के बच्चे के साथ कर सकते हैं। शुरुआत में आपको थोड़ी समस्या जरूर होगी लेकिन बाद में यह बहुत मददगार साबित होगी। बच्चे को सुलाने से पहले आप उनकी हल्की-हल्की मालिश कीजिए। गुनगुने पानी से उनका मुंह-हाथ धोएं (स्पंज करना)।
2. उनके कपड़े बदलकर उन्हें बेड के लिए तैयार करें। एक समय पर कमरे की लाइट्स बंद कर दें। ऐसा करके आप उन्हें सिग्नल दे रहे हैं और बेड टाइम के लिए तैयार कर रहे हैं।
3. बच्चों को कोई गाना, सॉफ्ट म्यूजिक सुनाएं। लाइट बंद करने से पहले आप बच्चों को पिक्चर बुक्स भी दिखा सकती हैं। ऐसा करने से बच्चों को बुक्स पड़ने की आदत पड़ती है।
4. सोने से पहले भगवान का कोई सा मंत्र भी सुना सकती हैं। कुछ बच्चों को अपना मनपसंद खिलौना लेकर सोना भी अच्छा लगता है। बच्चों को सोने से पहले सॉफ्ट म्यूजिक सुनना बहुत अच्छा लगता है और उसे सुनने से उनके दिमाग का विकास भी होता है इसीलिए तो बरसों से चलता आ रहा लोरी का एक अपना ही महत्व है।
5. छोटे बच्चे (6 माह से 1 साल के बीच) रात में दूध के लिए जरूर उठते हैं। धीरे-धीरे उसका भी एक समय बनाते जाएं जिससे बच्चा और आप दोनों अच्छे से अपनी नींद पूरी कर सकें।
6. जैसे-जैसे बच्चा धीरे-धीरे बड़ा होता है, आप उसे बेड में जाने से पहले मुंह-हाथ धुलाकर ब्रश करना सिखाएं। कपड़े बदलकर उन्हें बेड के लिए तैयार करें। सोने से पहले उन्हें दूध जरूर दें। उन्हें उनका मनपसंद खिलौना दें।
7. उन्हें किताब से कहानी सुनाएं। शुरुआत में तो बच्चे को टाइम देना आवश्यक है, लेकिन धीरे-धीरे बच्चे को जब इस टाइम टेबल की आदत हो जाएगी तो आपके और बच्चे दोनों के लिए ही बहुत लाभदायक होगा।
8. शाम को उसे कोई हॉबी क्लास या बगीचे में घुमने के लिए ले जाएं जिससे बच्चा अपना समय टीवी और कंप्यूटर में ना देकर खेले - कूदे और थक जाए, ऐसा करने से उसे नींद अच्छी और जल्दी आएगी। कोशिश करें की उसे धीरे - धीरे अपने आप टाइम से बेड पर जाने की आदत हो जाए ताकि आप भी अपने आपको कुछ समय दे सकें।
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