गर्भ में जुड़वा बच्चे कैसे बनते हैं Garbh me judwa bachche kaise bante hai
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एक अन्दाजे के मुताबिक लगभग 200 स्त्रियों द्वारा गर्भधारण करने पर, सिर्फ एक गर्भ मे जुड़वा बच्चे होते हैं। ये जुड़वां बच्चे 2 तरह के होते हैं- या तो दोनों एक ही लिंग के या दोनों विपरीत लिंग के। एक ही लिंग के जुड़वा बच्चे अक्सर शक्ल, कद और स्वभाव मे एक ही जैसे होते हैं। विपरीत लिंग के कुछ जुड़वां बच्चे ऐसे भी होते हैं जिनकी शक्ल आपस मे तो क्या घर के किसी भी दूसरे सदस्य से बिल्कुल नहीं मिलती है।
एक अन्दाजे के मुताबिक लगभग 200 स्त्रियों द्वारा गर्भधारण करने पर, सिर्फ एक गर्भ मे जुड़वा बच्चे होते हैं। ये जुड़वां बच्चे 2 तरह के होते हैं- या तो दोनों एक ही लिंग के या दोनों विपरीत लिंग के। एक ही लिंग के जुड़वा बच्चे अक्सर शक्ल, कद और स्वभाव मे एक ही जैसे होते हैं। विपरीत लिंग के कुछ जुड़वां बच्चे ऐसे भी होते हैं जिनकी शक्ल आपस मे तो क्या घर के किसी भी दूसरे सदस्य से बिल्कुल नहीं मिलती है।
पहली श्रेणी के जुड़वां बच्चे अभिन्न जुड़वां या एक अण्डज और द्वितीय श्रेणी के जुड़वा भ्रातृ जुड़वां या द्विअण्डज कहलाते हैं। जब एक स्त्री अण्डकोशिका केवल एक पुरुष शुक्राणु कोशिका के साथ गर्भाधारण करने के बाद 2 कोशिकाओं में बंटकर दो बच्चों को जन्म देती है तब वो अभिन्न जुड़वां बच्चे होते हैं। जब दो अलग-अलग स्त्री अण्ड कोशिकाएं दो अलग पुरुष शुक्राणुओं द्वारा निषेचित होती है तब दो भ्रातृ जुड़वा बच्चे पैदा होते हैं।
यह जुड़वां बच्चे स्त्री-पुरुष के एक बार के ही सहवास क्रिया मे हो जाते हैं। अक्सर स्त्री के डिंबाशय में एक ही डिंब या अण्डकोशिका का हर महीने निर्माण होता है जबकि पुरुष-शुक्राणु अनगिनत होते हैं। कभी-कभी संयोगवश या किसी खास प्राकृतिक नियम से स्त्री में 2 अण्ड कोशिकाओं का भी निर्माण हो जाता है। ऐसी स्थिति में दो भ्रातृ जुड़वां बच्चे दो बार के सहवास करने पर भी हो जाते हैं। इस समय पर दोनों जुड़वा बच्चे थोड़ी-थोड़ी देर बाद पैदा होते हैं। इनके दो गर्भाशय होते हैं। अभिन्न जुड़वां एक ही थैली या झिल्ली में बंद एक जरायु या आंवल से जुड़े होते हैं और प्रसव के समय साथ पैदा होते हैं। चूंकि इनमे एक ही आंवल से एक खून प्रवाहित होता है इसलिए इन दोनों की शक्लें और आदतें भी अक्सर एक ही जैसी होती है।
पेट के अन्दर जुड़वां बच्चे होने का किसी भी गर्भवती स्त्री को कई महीने के बाद ही पता लगता है। अगर पेट में 2 के बजाय गर्भ के 3 सिरे लगें ओर पेट का आकार सामान्य से बड़ा हो तो जुड़वां बच्चे होने के संकेत हो सकते हैं। जुड़वां बच्चों के दिल की धड़कन सुनकर भी पता लगाया जा सकता है। ऐसे समय में लेडी डॉक्टर से पहले जांच करवाना भी बहुत जरूरी है ताकि बच्चे के जन्म के समय कोई परेशानी न हो। अगर जुड़वां बच्चे होने का शक हो तो कभी भी प्रसव घर पर न कराएं। ऐसे समय मे प्रसव किसी अच्छे अस्पताल में ही कराना चाहिए।
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