Home
» Latest-breaking-trending-news-today
» अब आप खुद भी बना सकते है ऐसा कूलर जो बिन पानी और बिजली के काम करता है - Bina pani aur bijli ke chalne wala coolar
अब आप खुद भी बना सकते है ऐसा कूलर जो बिन पानी और बिजली के काम करता है - Bina pani aur bijli ke chalne wala coolar
अब आप खुद भी बना सकते है ऐसा कूलर जो बिन पानी और बिजली के काम करता है - Bina pani aur bijli ke chalne wala cooler - बांग्लादेश में एक ऐसा कूलर बनाया गया जो आने वाले गर्मी की मार से बचने के लिए भारत में भी काफी उपयोगी साबित हो सकता है. गर्मियों में सूरज खूब आग बरसाता है. कई हिस्सों में तो पारा 45-46 डिग्री तक पहुंच जाता है.
अभी तक हमारे देश में एक बड़ी आबादी ऐसी है जिसके पास इस झुलसाती गर्मी से राहत पाने का कोई उपाय नहीं है क्योंकि उसने पास पंखा या कूलर नहीं है और यदि है भी तो जहां यह आबादी रहती है उन इलाकों में बिजली कब आएगी कब जाएगी इसका कोई भरोसा नहीं है.
पडो़सी बांग्लादेश ने रक ऐसा उपाय निकाला है जो इस मुश्किल को आसान कर सकता है. यह उपाय है घर को ठंडा करने के लिए बनाया गया एक कूलर. इस सस्ते और उपयोगी कूलर की सबसे खास बात यह है कि इसके लिए न तो बिजली की जरूरत है और न पानी की.
बांग्लादेश की तरह भारत के ग्रामीण इलाकों में भी कई लोग टिन की छत वाले घरों में रहते हैं. दुपहरी में तपती ये छतें गरमी में घर को किसी भट्टी की तरह गर्म कर देती हैं. यह इको कूलर ऐसे घरों में तापमान को सामान्य कर सकता है.
आइये जाने कैसे बनता है यह इको कूलर -
इको कूलर और कुछ नहीं एक ग्रिडनुमा व्यवस्था है जो आधी कटी हुई प्लास्टिक की बोतलों से बनता है. इस ग्रिड को खिड़की पर फिट कर दिया जाता है. बोतल के चौड़े हिस्से से घुसने वाली गर्म हवा जब इसके संकरे हिस्से में पहुंचती है तो ‘कंप्रेस’ हो जाती है और फिर यह दूसरे छोर से बाहर निकलती है तो थर्मोडायनेमिक्स के नियमों के मुताबिक थोड़ी ठंडी हो जाती है. यही ठंडी हवा कमरे में दाखिल होकर राहत पहुंचाने का काम करती है. बताया जा रहा है कि इससे तापमान पांच डिग्री तक घट जाता है. इसके बनने में जो सामग्री लगती है वह आसानी से मिल जाती है जिसके चलते इको कूलर गर्मी में राहत पहुंचाने का एक सस्ता और बढ़िया विकल्प साबित हो रहा है.
अभी तक हमारे देश में एक बड़ी आबादी ऐसी है जिसके पास इस झुलसाती गर्मी से राहत पाने का कोई उपाय नहीं है क्योंकि उसने पास पंखा या कूलर नहीं है और यदि है भी तो जहां यह आबादी रहती है उन इलाकों में बिजली कब आएगी कब जाएगी इसका कोई भरोसा नहीं है.
पडो़सी बांग्लादेश ने रक ऐसा उपाय निकाला है जो इस मुश्किल को आसान कर सकता है. यह उपाय है घर को ठंडा करने के लिए बनाया गया एक कूलर. इस सस्ते और उपयोगी कूलर की सबसे खास बात यह है कि इसके लिए न तो बिजली की जरूरत है और न पानी की.
बांग्लादेश की तरह भारत के ग्रामीण इलाकों में भी कई लोग टिन की छत वाले घरों में रहते हैं. दुपहरी में तपती ये छतें गरमी में घर को किसी भट्टी की तरह गर्म कर देती हैं. यह इको कूलर ऐसे घरों में तापमान को सामान्य कर सकता है.
आइये जाने कैसे बनता है यह इको कूलर -
इको कूलर और कुछ नहीं एक ग्रिडनुमा व्यवस्था है जो आधी कटी हुई प्लास्टिक की बोतलों से बनता है. इस ग्रिड को खिड़की पर फिट कर दिया जाता है. बोतल के चौड़े हिस्से से घुसने वाली गर्म हवा जब इसके संकरे हिस्से में पहुंचती है तो ‘कंप्रेस’ हो जाती है और फिर यह दूसरे छोर से बाहर निकलती है तो थर्मोडायनेमिक्स के नियमों के मुताबिक थोड़ी ठंडी हो जाती है. यही ठंडी हवा कमरे में दाखिल होकर राहत पहुंचाने का काम करती है. बताया जा रहा है कि इससे तापमान पांच डिग्री तक घट जाता है. इसके बनने में जो सामग्री लगती है वह आसानी से मिल जाती है जिसके चलते इको कूलर गर्मी में राहत पहुंचाने का एक सस्ता और बढ़िया विकल्प साबित हो रहा है.
एक टिप्पणी भेजें
प्रिय दोस्त, आपने हमारा पोस्ट पढ़ा इसके लिए हम आपका धन्यवाद करते है. आपको हमारा यह पोस्ट कैसा लगा और आप क्या नया चाहते है इस बारे में कमेंट करके जरुर बताएं. कमेंट बॉक्स में अपने विचार लिखें और Publish बटन को दबाएँ.