स्नान किस समय और कैसे करना चाहिए - Snan kab aur kaise karen
हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में स्नान का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है इसलिए स्नान करना बहुत जरुरी है परन्तु इसके साथ ही हमें ये भी जान लेना चाहिए कि स्नान किस समय और कैसे करना चाहिए। आज इस पोस्ट में हम इसी विषय के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगें।
स्नान कब और कैसे करें -
स्नान कब और कैसे करें -
- स्नान सूर्योदय से पहले ही करना चाहिए।
- मालिश के आधे घंटे बाद शरीर को रगड़-रगड़ कर स्नान करें।
- स्नान करते समय स्तोत्रपाठ, कीर्तन या भगवन्नाम का जप करना चाहिए।
- ठंडे पानी से स्नान करते समय पानी पहले सिर पर डालें और फिर पूरे शरीर पर, ताकि सिर समेत पुरे शरीर के ऊपरी भागों की गर्मी पैरों से निकल जाए।
- गले से नीचे के शारीरिक भाग पर गर्म (गुनगुने) पानी से स्नान करने से शक्ति बढ़ती है, किंतु सिर पर गर्म पानी डालकर स्नान करने से बालों तथा नेत्रशक्ति को हानि पहुँचती है। (बृहद वाग्भट, सूत्रस्थानः अ.3)
- स्नान करते समय मुँह में पानी भरकर आँखों को पानी से भरे पात्र में डुबायें एवं उसी में थोड़ी देर पलके झपकायें या पटपटायें अथवा आँखों पर पानी के छींटे मारें। इससे नेत्रज्योति बढ़ती है।
- निर्वस्त्र होकर स्नान करना निर्लज्जता का द्योतक है तथा इससे जल देवता का निरादर भी होता है।
- किसी नदी, सरोवर, सागर, कुएँ, बावड़ी आदि में स्नान करते समय जल में ही मल-मूत्र का विसर्जन नही करना चाहिए।
- प्रतिदिन स्नान करने से पूर्व दोनों पैरों के अँगूठों में सरसों का शुद्ध तेल लगाने से वृद्धावस्था तक नेत्रों की ज्योति कमजोर नहीं होती।
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