Home
» Learn-More
» भगवान को ताजे फूल ही क्यों चढ़ाए जाते हैं? Bhagwan ko naye flower hi kyo chdhaye jaate hai?
भगवान को ताजे फूल ही क्यों चढ़ाए जाते हैं? Bhagwan ko naye flower hi kyo chdhaye jaate hai?
भगवान को ताजे फूल ही क्यों चढ़ाए जाते हैं? Bhagwan ko naye flower hi kyo chdhaye jaate hai? सुखे या मुरझाए फूलों से भगवान का श्रृंगार करना उचित नहीं, जानिए कौन से भगवान को चढ़ाएं कौन सा फूल और क्यों? फूल तोड़कर नहीं बल्कि जो पुष्प पृथ्वी पर झड़ कर गिर चुके हों और ताजी हों उन्हें चढ़ाना बेहतर है.
आपने अक्सर देखा होगा कि जब भी भगवान की पूजा की जाती है तो ताजे फुल ही चढाएं जाते है, ऐसा करने से क्या होता है? पूजा में ताजे फूलों को ही क्यों प्राथमिक दी जाती है, आइये इस बारे में कुछ जानकारी हासिल करते है...
हिन्दू धर्म में पूजा-पाठ से जुड़ी अनेक परंपराएं हैं। उन्ही में से एक परंपरा है भगवान को ताजे फूल अर्पित करने की लेकिन भगवान को रोज ताजे फूल ही क्यों चढ़ाए जाते है? ये बहुत ही कम लोग जानते हैं कि सुखे फूलों को या मुरझाए फूलों को भगवान के समक्ष रखना शुभ नहीं माना जाता है।
ताजे फूलों को पूजा में हमेशा रखा जाता है क्योंकि फूल की खुश्बू और सुन्दरता पूजन करने वाले के मन को सुन्दरता और शांति का एहसास दिलावाती है। ऐसा माना जाता है कि जब पूजा में इनका उपयोग किया जाता है, तो फूल अद्भुत ऊर्जा का सृजन पूरे घर में करते है और इससे घर में खुशियों का आगमन होता है।
ताजे फूल घर में सजाए जाना वास्तु के दृष्टीकोण से भी सौभाग्य का सूचक माना गया है। जब भगवान के सामने रखे फूल सूखने या मुरझाने लगे, तो इन्हें तुरंत हटा देना चाहिए और इनकी जगह ताजे फूल रख देना चाहिए क्योंकि ताजे फूल जीवन के प्रतीक है । जबकि सूखे फूल मृत्यु के सुचक है।
जो वस्तु मृत्यु का प्रतीक है उसे घर में नहीं रखना चाहिए इसलिए कितना भी बड़ा पूजन घर में किया गया हो या किसी बड़े तीर्थस्थल से आप फूल अपने घर में लाएं हो 48 घंटे बाद उसका असर नहीं होता है। फूल का सुप्रभाव खत्म हो जाता है इसलिए भगवान को हमेशा ताजे फूल ही चढ़ाए जाते हैं।
Thanks for reading...
Tags: भगवान को ताजे फूल ही क्यों चढ़ाए जाते हैं? Bhagwan ko naye flower hi kyo chdhaye jaate hai? सुखे या मुरझाए फूलों से भगवान का श्रृंगार करना उचित नहीं, जानिए कौन से भगवान को चढ़ाएं कौन सा फूल और क्यों? फूल तोड़कर नहीं बल्कि जो पुष्प पृथ्वी पर झड़ कर गिर चुके हों और ताजी हों उन्हें चढ़ाना बेहतर है.
आपने अक्सर देखा होगा कि जब भी भगवान की पूजा की जाती है तो ताजे फुल ही चढाएं जाते है, ऐसा करने से क्या होता है? पूजा में ताजे फूलों को ही क्यों प्राथमिक दी जाती है, आइये इस बारे में कुछ जानकारी हासिल करते है...
हिन्दू धर्म में पूजा-पाठ से जुड़ी अनेक परंपराएं हैं। उन्ही में से एक परंपरा है भगवान को ताजे फूल अर्पित करने की लेकिन भगवान को रोज ताजे फूल ही क्यों चढ़ाए जाते है? ये बहुत ही कम लोग जानते हैं कि सुखे फूलों को या मुरझाए फूलों को भगवान के समक्ष रखना शुभ नहीं माना जाता है।
ताजे फूलों को पूजा में हमेशा रखा जाता है क्योंकि फूल की खुश्बू और सुन्दरता पूजन करने वाले के मन को सुन्दरता और शांति का एहसास दिलावाती है। ऐसा माना जाता है कि जब पूजा में इनका उपयोग किया जाता है, तो फूल अद्भुत ऊर्जा का सृजन पूरे घर में करते है और इससे घर में खुशियों का आगमन होता है।
ताजे फूल घर में सजाए जाना वास्तु के दृष्टीकोण से भी सौभाग्य का सूचक माना गया है। जब भगवान के सामने रखे फूल सूखने या मुरझाने लगे, तो इन्हें तुरंत हटा देना चाहिए और इनकी जगह ताजे फूल रख देना चाहिए क्योंकि ताजे फूल जीवन के प्रतीक है । जबकि सूखे फूल मृत्यु के सुचक है।
जो वस्तु मृत्यु का प्रतीक है उसे घर में नहीं रखना चाहिए इसलिए कितना भी बड़ा पूजन घर में किया गया हो या किसी बड़े तीर्थस्थल से आप फूल अपने घर में लाएं हो 48 घंटे बाद उसका असर नहीं होता है। फूल का सुप्रभाव खत्म हो जाता है इसलिए भगवान को हमेशा ताजे फूल ही चढ़ाए जाते हैं।
Thanks for reading...
Tags: भगवान को ताजे फूल ही क्यों चढ़ाए जाते हैं? Bhagwan ko naye flower hi kyo chdhaye jaate hai? सुखे या मुरझाए फूलों से भगवान का श्रृंगार करना उचित नहीं, जानिए कौन से भगवान को चढ़ाएं कौन सा फूल और क्यों? फूल तोड़कर नहीं बल्कि जो पुष्प पृथ्वी पर झड़ कर गिर चुके हों और ताजी हों उन्हें चढ़ाना बेहतर है.
एक टिप्पणी भेजें
प्रिय दोस्त, आपने हमारा पोस्ट पढ़ा इसके लिए हम आपका धन्यवाद करते है. आपको हमारा यह पोस्ट कैसा लगा और आप क्या नया चाहते है इस बारे में कमेंट करके जरुर बताएं. कमेंट बॉक्स में अपने विचार लिखें और Publish बटन को दबाएँ.