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दाह संस्कार में मृतक के मुंह पर चंदन क्यों रखते हैं? Dahsanskar me mritak ke munh par chandan kyo rakhte hai?
दाह संस्कार में मृतक के मुंह पर चंदन क्यों रखते हैं? Dahsanskar karte samay mritak ke munh par chandan kyo rakhte hai? अंतिम संस्कार में मृतक के मुंह पर चन्दन रखना क्यों जरुरी है? आइये जानते है कि क्या कारण है दाह संस्कार में मरे हुए व्यक्ति के मुख पर चन्दन रखने का..
हिंदू परंपरा के अनुसार मृतक का दाह संस्कार करते समय उसके मुख पर चंदन की लकड़ी रख कर जलाने की परंपरा है। यह परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। इस परंपरा के पीछे सिर्फ धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक कारण भी छिपे है।
चंदन की लकड़ी अत्यंत शीतल मानी जाती है। उसकी ठंडक के कारण लोग चंदन को घिसकर मस्तक पर तिलक लगाते हैं, जिससे मस्तिष्क को ठंडक मिलती है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार मृतक के मुख पर चंदन की लकड़ी रख कर दाह संस्कार करने से उसकी आत्मा को शांति मिलती है तथा मृतक को स्वर्ग में भी चंदन की शीतलता प्राप्त होती है।
इसका वैज्ञानिक कारण अगर देखा जाए तो मृतक का दाह संस्कार करते समय मांस और हड्डियों के जलने से अत्यंत तीव्र दुर्गंध फैलती है। उसके साथ चंदन की लकड़ी के जलने से दुर्गंध पूरी तरह समाप्त तो नहीं होती लेकिन कुछ कम जरुर हो जाती है। यही कारण है दाह संस्कार करते समय शव के मुख पर चंदन की लकड़ी रखी जाती है।
Thanks for reading...
Tags: दाह संस्कार में मृतक के मुंह पर चंदन क्यों रखते हैं? Dahsanskar karte samay mritak ke munh par chandan kyo rakhte hai? अंतिम संस्कार में मृतक के मुंह पर चन्दन रखना क्यों जरुरी है? क्या कारण है दाह संस्कार में मरे हुए व्यक्ति के मुख पर चन्दन रखने का..
हिंदू परंपरा के अनुसार मृतक का दाह संस्कार करते समय उसके मुख पर चंदन की लकड़ी रख कर जलाने की परंपरा है। यह परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। इस परंपरा के पीछे सिर्फ धार्मिक ही नहीं वैज्ञानिक कारण भी छिपे है।
चंदन की लकड़ी अत्यंत शीतल मानी जाती है। उसकी ठंडक के कारण लोग चंदन को घिसकर मस्तक पर तिलक लगाते हैं, जिससे मस्तिष्क को ठंडक मिलती है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार मृतक के मुख पर चंदन की लकड़ी रख कर दाह संस्कार करने से उसकी आत्मा को शांति मिलती है तथा मृतक को स्वर्ग में भी चंदन की शीतलता प्राप्त होती है।
इसका वैज्ञानिक कारण अगर देखा जाए तो मृतक का दाह संस्कार करते समय मांस और हड्डियों के जलने से अत्यंत तीव्र दुर्गंध फैलती है। उसके साथ चंदन की लकड़ी के जलने से दुर्गंध पूरी तरह समाप्त तो नहीं होती लेकिन कुछ कम जरुर हो जाती है। यही कारण है दाह संस्कार करते समय शव के मुख पर चंदन की लकड़ी रखी जाती है।
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