इस मंदिर में किसी भगवान की नहीं बल्कि कुत्ते की होती है पूजा - Dog puja
इस मंदिर में किसी भगवान की नहीं बल्कि कुत्ते की होती है पूजा - Dog puja, yahaan kutte ko mandir me puja jata hai, कुछ मंदिर ऐसे हैं, जहां सिर्फ किसी देवता की नहीं बल्कि कुत्ते की पूजा भी होती है, इस पुराने मंदिर में स्वामी भक्ति के लिए होता है कुत्ते का पूजन, जानिए क्यों एक कुत्ते की पूजा होती है इस मंदिर में?
दोस्तों, अब तक आपने जितने भी मंदिर देखें होंगे, उन सभी मंदिरों में आपने देखा होगा कि भगवान (देवी-देवता) या किसी प्रसिद्ध साधू की मूर्त लगी होती है और लोग उसे पूजते है, परन्तु क्या आपने कभी ऐसा भी मंदिर देखा है जहाँ कुत्ते की पूजा की जाती है, आइये आज आपको एक ऐसा ही मंदिर दिखाते है..
इस मंदिर में किसी भगवान की नहीं बल्कि कुत्ते की होती है पूजा
आप चाहे देश के किसी भी मंदिर में चले जाएं, हर जगह आपने देखा होगा कि उन मंदिरों में अक्सर देवी-देवताओं की ही पूजा होती है. परन्तु आज हम आपको जिस मंदिर की जानकारी देने जा रहे है उस मंदिर में कुत्ते की पूजा की जाती है, यहाँ पर कुत्ते की मूर्त बनी हुई है और यहाँ के सभी लोग इस मूर्त की पूजा करते है.
क्या आप एक ऐसे मंदिर के बारे में जानना चाहेंगे, जहां भगवान की नहीं बल्कि एक कुत्ते की पूजा की जाती है? इस मंदिर में बकायदा कुत्ते की मूर्ति स्थापित की गई है और लोग उतनी ही श्रद्धा से यहां कुत्ते की पूजा करते हैं जितनी श्रद्धा से भगवान की पूजा की जाती है.
यह कुकुरदेव मंदिर कुत्ते को समर्पित है.
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के खपरी गांव में ‘कुकुरदेव‘ का एक बहुत ही प्राचीन मंदिर स्थित है. यह मंदिर किसी देवी-देवता को नहीं बल्कि कुत्ते को समर्पित है. इस मंदिर के गर्भगृह में कुत्ते की प्रतिमा के साथ शिवलिंग भी स्थापित किया गया है. इसके साथ ही राम-लक्ष्मण और शत्रुघ्न की प्रतिमा भी रखी गई है. इसके अलावा एक ही पत्थर से बनी भगवान गणेश की प्रतिमा भी मंदिर में स्थापित है.
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दोस्तों, अब तक आपने जितने भी मंदिर देखें होंगे, उन सभी मंदिरों में आपने देखा होगा कि भगवान (देवी-देवता) या किसी प्रसिद्ध साधू की मूर्त लगी होती है और लोग उसे पूजते है, परन्तु क्या आपने कभी ऐसा भी मंदिर देखा है जहाँ कुत्ते की पूजा की जाती है, आइये आज आपको एक ऐसा ही मंदिर दिखाते है..
इस मंदिर में किसी भगवान की नहीं बल्कि कुत्ते की होती है पूजा
आप चाहे देश के किसी भी मंदिर में चले जाएं, हर जगह आपने देखा होगा कि उन मंदिरों में अक्सर देवी-देवताओं की ही पूजा होती है. परन्तु आज हम आपको जिस मंदिर की जानकारी देने जा रहे है उस मंदिर में कुत्ते की पूजा की जाती है, यहाँ पर कुत्ते की मूर्त बनी हुई है और यहाँ के सभी लोग इस मूर्त की पूजा करते है.
क्या आप एक ऐसे मंदिर के बारे में जानना चाहेंगे, जहां भगवान की नहीं बल्कि एक कुत्ते की पूजा की जाती है? इस मंदिर में बकायदा कुत्ते की मूर्ति स्थापित की गई है और लोग उतनी ही श्रद्धा से यहां कुत्ते की पूजा करते हैं जितनी श्रद्धा से भगवान की पूजा की जाती है.
यह कुकुरदेव मंदिर कुत्ते को समर्पित है.
छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के खपरी गांव में ‘कुकुरदेव‘ का एक बहुत ही प्राचीन मंदिर स्थित है. यह मंदिर किसी देवी-देवता को नहीं बल्कि कुत्ते को समर्पित है. इस मंदिर के गर्भगृह में कुत्ते की प्रतिमा के साथ शिवलिंग भी स्थापित किया गया है. इसके साथ ही राम-लक्ष्मण और शत्रुघ्न की प्रतिमा भी रखी गई है. इसके अलावा एक ही पत्थर से बनी भगवान गणेश की प्रतिमा भी मंदिर में स्थापित है.
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