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गर्भवती स्त्री के लिए क्यों और क्या करना जरूरी है Gharbhavastha me kya karen kya na karen
गर्भवती स्त्री के लिए क्यों और क्या करना जरूरी है Gharbhavastha me kya karen kya na karen , Garbhavati ko kya chahiye? गर्भवती महिला की देखभाल, गर्भवती हैं तो जरूर रखें इन बातों का ख्याल, गर्भवती महिला के बारे में जानकारी चाहते हैं.
गर्भवती स्त्रियों को शास्त्र पढऩे की सलाह दी जाती है क्योंकि यह उनके गर्भ में पल शिशु के ज्ञान को बढ़ाता है। विज्ञान के अनुसार गर्भ में पल रहा शिशु भी सोचता-समझता और सभी आवाजों को सुनता भी है। इसीलिए नवजात शिशु में सुसंस्कार का विकास हो इस उद्देश्य से गर्भवती महिला को धर्म ग्रंथ पढऩा चाहिए। मां के गर्भ में शिशु बाहर हो रही सभी घटनाओं और आवाजों को मां के ही कान और दिमाग से भलीभांति समझता है।
इसका सबसे अच्छा उदाहरण महाभारत में देखने को मिलता है। महाभारत में पांडव पुत्र अर्जुन जब उनकी पत्नी सुभद्रा को युद्ध में चक्रव्यूह भेदने का रहस्य सुना रहा रहे थे, तब सुभद्रा के गर्भ में पल रहा शिशु अभिमन्यु यह सब बातें ध्यान से सुन रहा था। जब अर्जुन चक्रव्यूह भेदने की आधी नीति बता चुके थे, उस समय सुभद्रा को नींद आ गई। जिससे अभिमन्यु चक्रव्यूह को भेदने का रहस्य तो जान गया परंतु चक्रव्यूह से वापस लौटने का रहस्य नहीं सुन सका क्योंकि उसकी मां सुभद्रा सो गई थी।
यही वजह महाभारत युद्ध में द्रोणाचार्य द्वारा रचित चक्रव्यूह में अभिमन्यु के वध का कारण बनी। इसी घटना से सिद्ध होता है कि यदि गर्भवती स्त्रियां अपनी संतान को सुसंस्कारी और गुणवान बनाना चाहती है तो उन्हें धर्म ग्रंथ पढऩे चाहिए और अच्छे बातें ही सोचना चाहिए। गर्भवती महिला जैसे विचार, जैसा खाना खाएगी, जैसा स्वभाव रखेगी, जो भी देखेगी-सुनेगी वैसे से ही सभी गुण उसकी संतान में आ जाते हैं।
Thanks for reading...
Tags: गर्भवती स्त्री के लिए क्यों और क्या करना जरूरी है? Garbhavati ko kya chahiye? गर्भवती महिला की देखभाल, गर्भवती हैं तो जरूर रखें इन बातों का ख्याल, गर्भवती महिला के बारे में जानकारी चाहते हैं.
गर्भवती स्त्रियों को शास्त्र पढऩे की सलाह दी जाती है क्योंकि यह उनके गर्भ में पल शिशु के ज्ञान को बढ़ाता है। विज्ञान के अनुसार गर्भ में पल रहा शिशु भी सोचता-समझता और सभी आवाजों को सुनता भी है। इसीलिए नवजात शिशु में सुसंस्कार का विकास हो इस उद्देश्य से गर्भवती महिला को धर्म ग्रंथ पढऩा चाहिए। मां के गर्भ में शिशु बाहर हो रही सभी घटनाओं और आवाजों को मां के ही कान और दिमाग से भलीभांति समझता है।
इसका सबसे अच्छा उदाहरण महाभारत में देखने को मिलता है। महाभारत में पांडव पुत्र अर्जुन जब उनकी पत्नी सुभद्रा को युद्ध में चक्रव्यूह भेदने का रहस्य सुना रहा रहे थे, तब सुभद्रा के गर्भ में पल रहा शिशु अभिमन्यु यह सब बातें ध्यान से सुन रहा था। जब अर्जुन चक्रव्यूह भेदने की आधी नीति बता चुके थे, उस समय सुभद्रा को नींद आ गई। जिससे अभिमन्यु चक्रव्यूह को भेदने का रहस्य तो जान गया परंतु चक्रव्यूह से वापस लौटने का रहस्य नहीं सुन सका क्योंकि उसकी मां सुभद्रा सो गई थी।
यही वजह महाभारत युद्ध में द्रोणाचार्य द्वारा रचित चक्रव्यूह में अभिमन्यु के वध का कारण बनी। इसी घटना से सिद्ध होता है कि यदि गर्भवती स्त्रियां अपनी संतान को सुसंस्कारी और गुणवान बनाना चाहती है तो उन्हें धर्म ग्रंथ पढऩे चाहिए और अच्छे बातें ही सोचना चाहिए। गर्भवती महिला जैसे विचार, जैसा खाना खाएगी, जैसा स्वभाव रखेगी, जो भी देखेगी-सुनेगी वैसे से ही सभी गुण उसकी संतान में आ जाते हैं।
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