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जानिए पूजा का पूरा फल पाने के लिए क्या करें - Janiye puja ka pura fal paane ke liye kya karen?
पूजा को सफल बनाने में कौनसी पांच चीजों का महत्त्व है? किन चीजों के उपयोग से पूजा सफल हो जाती है? क्यों और कौन सी पांच चीजें बनाती हैं पूजा को सफल? जानिए पूजा का पूरा फल पाने के लिए क्या करें - Janiye puja ka pura fal paane ke liye kya karen?
शास्त्रों के अनुसार पूजा में दूध, दही, घी, शहद और मिश्री का उपयोग होता है इन पांच चीजों के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।
हिन्दू धर्म में इन पांचों को पवित्र माना गया है। और जब इन पांचों को मिलाया जाता है तब इसे पंचामृत कहा जाता है। पंचामृत यानि पांच अमृत।
पंचामृत का पहला भाग दूध होता है जो हमें गाय से मिलता है गाय में देवी देवताओं का वास होने से दूध को अमृत माना गया है।
पंचामृत का दूसरा और तीसरा भाग दही एवं घी दूध से ही प्राप्त होता है इसलिए यह भी अमृत माना गया है।
हिन्दू धर्म में शहद पूर्ण पवित्र रस माना गया है। भगवान को चढऩे वाले सुगन्धित फूलों के रस से ही शहद बनता है इसलिए यह पवित्र और अमृत के समान है। पंचामृत का पाचवां भाग मिश्री होता है जिसको इन सब में मिलाने से पूर्ण अमृत बनता है।
कहीं कही गन्ने का रस भी शुद्ध और पवित्र होने के कारण उपयोग किया जाता है।स्वास्थ्य की दृष्टि से देखा जाए तो प्रसाद के रूप में पंचामृत यानि इन सब चिजों से बने मिश्रण को खाने से सभी प्रकार के रोगों का नाश भी होता है।
दरअसल पंचामृत आत्मोन्नति का प्रतीक है। यह पांचों सामग्री किसी न किसी रूप में आत्मोन्नति का संदेश देती है।
Thanks for reading...
Tags: पूजा को सफल बनाने में कौनसी पांच चीजों का महत्त्व है? किन चीजों के उपयोग से पूजा सफल हो जाती है? क्यों और कौन सी पांच चीजें बनाती हैं पूजा को सफल? जानिए पूजा का पूरा फल पाने के लिए क्या करें - Janiye puja ka pura fal paane ke liye kya karen?
शास्त्रों के अनुसार पूजा में दूध, दही, घी, शहद और मिश्री का उपयोग होता है इन पांच चीजों के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।
हिन्दू धर्म में इन पांचों को पवित्र माना गया है। और जब इन पांचों को मिलाया जाता है तब इसे पंचामृत कहा जाता है। पंचामृत यानि पांच अमृत।
पंचामृत का पहला भाग दूध होता है जो हमें गाय से मिलता है गाय में देवी देवताओं का वास होने से दूध को अमृत माना गया है।
पंचामृत का दूसरा और तीसरा भाग दही एवं घी दूध से ही प्राप्त होता है इसलिए यह भी अमृत माना गया है।
हिन्दू धर्म में शहद पूर्ण पवित्र रस माना गया है। भगवान को चढऩे वाले सुगन्धित फूलों के रस से ही शहद बनता है इसलिए यह पवित्र और अमृत के समान है। पंचामृत का पाचवां भाग मिश्री होता है जिसको इन सब में मिलाने से पूर्ण अमृत बनता है।
कहीं कही गन्ने का रस भी शुद्ध और पवित्र होने के कारण उपयोग किया जाता है।स्वास्थ्य की दृष्टि से देखा जाए तो प्रसाद के रूप में पंचामृत यानि इन सब चिजों से बने मिश्रण को खाने से सभी प्रकार के रोगों का नाश भी होता है।
दरअसल पंचामृत आत्मोन्नति का प्रतीक है। यह पांचों सामग्री किसी न किसी रूप में आत्मोन्नति का संदेश देती है।
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