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पत्नी द्वारा पति के पैर छूना उचित क्यों माना जाता है? Kyo jaruri hai ek patni ko apne pati ke panv chhuna?
पत्नी द्वारा पति के पैर छूना उचित क्यों माना जाता है? Kyo jaruri hai ek patni ko apne pati ke panv chhuna? पति पत्नी से क्या चाहता है? पत्नी को पति के पैर क्यों छूना चाहिए? पैर छूने की परंपरा, हिंदू क्यों करते हैं चरण स्पर्श?
दोस्तों कलयुग के दौर में शायद आपको यह महशुश हो कि ऐसी कौन औरत होगी जो पति के पांव छूना उचित समझेगी, परन्तु यदि कोई पत्नी इस परम्परा को निभाए तो अवश्य ही उसे इसका बहुत लाभ मिल सकता है..
हमारी भारतीय परंपरा के अनुसार सामान्यत: सभी लोगों के घर में बड़े-बुजूर्ग, संत-महात्मा, वृद्ध आदि के पैर अवश्य छूते हैं। पैर छूने की परंपरा काफी पुराने समय से चली आ रही है। इस परंपरा के पीछे कई कारण मौजूद हैं।
शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि बड़े लोगों के पैर छूने से हमारे पुण्य में बढ़ोतरी होती है। साथ ही उनके आशीर्वाद स्वरूप हमारा दुर्भाग्य दूर होता है और मन को शांति मिलती है लेकिन हमारे यहां बड़े- बजूर्गो का आर्शीवाद लेने के साथ ही पति के पैर छूने की भी परंपरा बनाई गई है।
वैसे आजकल अधिकांश लोग इसे दकियानुसी सोच मानते हैं लेकिन ऐसा माना जाता है कि सुबह उठकर सबसे पहले पति के पैर छूने चाहिए क्योंकि इससे पति-पत्नी में प्रेम बढ़ता है। कहते हैं पति के पैर छूना यानी उसके प्रति समर्पण भाव जगाना, जब मन में समर्पण का भाव आता है तो अहंकार स्वत: ही खत्म होता है।
इसलिए पति के चरण स्पर्श की परंपरा बनाई गई ताकि पत्नी के मन में हमेशा पति के लिए सम्मान की भावना रहे और पति के मन में अपनी पत्नी के प्रति जिम्मेदारी का एहसास बना रहे। दोनों के रिश्ते में प्रगाड़ता बनी रहे इसलिए प्रणाम करने की परंपरा को नियम और संस्कार का रूप दे दिया गया।
Thanks for reading...
Tags: पत्नी द्वारा पति के पैर छूना उचित क्यों माना जाता है? Kyo jaruri hai ek patni ko apne pati ke panv chhuna? पति पत्नी से क्या चाहता है? पत्नी को पति के पैर क्यों छूना चाहिए? पैर छूने की परंपरा, हिंदू क्यों करते हैं चरण स्पर्श?
दोस्तों कलयुग के दौर में शायद आपको यह महशुश हो कि ऐसी कौन औरत होगी जो पति के पांव छूना उचित समझेगी, परन्तु यदि कोई पत्नी इस परम्परा को निभाए तो अवश्य ही उसे इसका बहुत लाभ मिल सकता है..
हमारी भारतीय परंपरा के अनुसार सामान्यत: सभी लोगों के घर में बड़े-बुजूर्ग, संत-महात्मा, वृद्ध आदि के पैर अवश्य छूते हैं। पैर छूने की परंपरा काफी पुराने समय से चली आ रही है। इस परंपरा के पीछे कई कारण मौजूद हैं।
शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि बड़े लोगों के पैर छूने से हमारे पुण्य में बढ़ोतरी होती है। साथ ही उनके आशीर्वाद स्वरूप हमारा दुर्भाग्य दूर होता है और मन को शांति मिलती है लेकिन हमारे यहां बड़े- बजूर्गो का आर्शीवाद लेने के साथ ही पति के पैर छूने की भी परंपरा बनाई गई है।
वैसे आजकल अधिकांश लोग इसे दकियानुसी सोच मानते हैं लेकिन ऐसा माना जाता है कि सुबह उठकर सबसे पहले पति के पैर छूने चाहिए क्योंकि इससे पति-पत्नी में प्रेम बढ़ता है। कहते हैं पति के पैर छूना यानी उसके प्रति समर्पण भाव जगाना, जब मन में समर्पण का भाव आता है तो अहंकार स्वत: ही खत्म होता है।
इसलिए पति के चरण स्पर्श की परंपरा बनाई गई ताकि पत्नी के मन में हमेशा पति के लिए सम्मान की भावना रहे और पति के मन में अपनी पत्नी के प्रति जिम्मेदारी का एहसास बना रहे। दोनों के रिश्ते में प्रगाड़ता बनी रहे इसलिए प्रणाम करने की परंपरा को नियम और संस्कार का रूप दे दिया गया।
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