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जानिए, शनि की नजर बुरी क्यों मानी जाती है? Kyo mante hai shani ki majar ko bura?
जानिए, शनि की नजर बुरी क्यों मानी जाती है? Kyo mante hai shani ki majar ko bura? आखिर क्यों शनि की नजर है अशुभ? शनि की कुद्रष्टि, शनि की दृष्टि में दोष के कारण, शनि के प्रकोप, शनि की कृपा, शनिदेव की टेढ़ी नजर, शनि का बुरा असर, शनि की नजर को अशुभ इसलिए मानते हैं, जिसे भी शनि देख ले उसके बुरे दिन शुरू हो जाते हैं.
कहा जाता है कि शनि की दृष्टि अशुभ होती है। ब्रह्मवैवर्तपुराण में इस के पीछे एक कथा है। बताया जाता है कि शनि लगातार साधना में लीन रहने के कारण ही अपनी पत्नी की उपेक्षा कर बैठे और उसके परिणामस्वरूप उन्हें उस सती के कोप का भांजन बनना पड़ा।
उनकी पत्नी ने गुस्से में आकर शनि देव को शाप दे दिया कि पत्नी होने पर भी आपने मुझे कभी प्रेम दृष्टि से नहीं देखा अब आप जिसे भी देखेंगे उसका कुछ न कुछ बुरा हो जायेगा। इसी कारण शनि की दृष्टि में दोष माना गया है लेकिन शनि की नजर हमेशा ही बुरी नही होती कुंडली के कुछ स्थान हैं ऐसे जिस पर शनि की नजर शुभ फल देने वाली होती है।
ज्योतिष शास्त्र में शनि की तीन तरह की दृष्टि बताई गई हैं। जो कि अपने स्थान से 3, 7 और 10 वें घर पर पड़ती है। इन तीनों दृष्टियों के अलग अलग प्रभाव बताए गए हैं। शास्त्रों के अनुसार इसकी एक और कहानी भी है वो यह कि गणेशजी के जन्म के बाद जब सभी देवी-देवता उनके दर्शन के लिए कैलाश पहुंचे।
तब शनि देव भी वहां पहुंचे लेकिन आंखों पर पट्टी बांधकर लेकिन उनका इस तरह आंखों पर पट्टी बांधकर आना पार्वतीजी को अच्छा नहीं लग रहा था। इसलिए पार्वतीजी के बार-बार अनुरोध करने पर शनिदेव ने गणेशजी को देखा और कहा जाता है गणेशजी पर शनिदेव की दृष्टी पढऩे के कारण ही शिवजी ने गणेशजी की गर्दन उनके धड़ से अलग कर दी। इसलिए शनि की दृष्टी को बुरा माना जाता है।
Thanks for reading...
Tags: जानिए, शनि की नजर बुरी क्यों मानी जाती है? Kyo mante hai shani ki majar ko bura? आखिर क्यों शनि की नजर है अशुभ? शनि की कुद्रष्टि, शनि की दृष्टि में दोष के कारण, शनि के प्रकोप, शनि की कृपा, शनिदेव की टेढ़ी नजर, शनि का बुरा असर, शनि की नजर को अशुभ इसलिए मानते हैं, जिसे भी शनि देख ले उसके बुरे दिन शुरू हो जाते हैं.
कहा जाता है कि शनि की दृष्टि अशुभ होती है। ब्रह्मवैवर्तपुराण में इस के पीछे एक कथा है। बताया जाता है कि शनि लगातार साधना में लीन रहने के कारण ही अपनी पत्नी की उपेक्षा कर बैठे और उसके परिणामस्वरूप उन्हें उस सती के कोप का भांजन बनना पड़ा।
उनकी पत्नी ने गुस्से में आकर शनि देव को शाप दे दिया कि पत्नी होने पर भी आपने मुझे कभी प्रेम दृष्टि से नहीं देखा अब आप जिसे भी देखेंगे उसका कुछ न कुछ बुरा हो जायेगा। इसी कारण शनि की दृष्टि में दोष माना गया है लेकिन शनि की नजर हमेशा ही बुरी नही होती कुंडली के कुछ स्थान हैं ऐसे जिस पर शनि की नजर शुभ फल देने वाली होती है।
ज्योतिष शास्त्र में शनि की तीन तरह की दृष्टि बताई गई हैं। जो कि अपने स्थान से 3, 7 और 10 वें घर पर पड़ती है। इन तीनों दृष्टियों के अलग अलग प्रभाव बताए गए हैं। शास्त्रों के अनुसार इसकी एक और कहानी भी है वो यह कि गणेशजी के जन्म के बाद जब सभी देवी-देवता उनके दर्शन के लिए कैलाश पहुंचे।
तब शनि देव भी वहां पहुंचे लेकिन आंखों पर पट्टी बांधकर लेकिन उनका इस तरह आंखों पर पट्टी बांधकर आना पार्वतीजी को अच्छा नहीं लग रहा था। इसलिए पार्वतीजी के बार-बार अनुरोध करने पर शनिदेव ने गणेशजी को देखा और कहा जाता है गणेशजी पर शनिदेव की दृष्टी पढऩे के कारण ही शिवजी ने गणेशजी की गर्दन उनके धड़ से अलग कर दी। इसलिए शनि की दृष्टी को बुरा माना जाता है।
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