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आओ जान ले कि नवरात्र में कुलदेवी का पूजन क्यों किया जाता हैं? - Navratron me Kuldevi puja kyo?
आओ जान ले कि नवरात्र में कुलदेवी का पूजन क्यों किया जाता हैं? - Navratron me Kuldevi ki puja kyo karte hai? नवरात्र में अपने कुल देवी-देवताओं की पूजा का विशेष प्रावधान, नवरात्र के नौ दिनों में माता के पूजन का विशेष महत्व, नवरात्र में सातवें या आठवें दिन को कुलदेवी की पूजा के लिए सुरक्षित क्यों किया गया है?
आपने देखा होगा कि नवरात्रों में कुलदेवी का पूजन किया जाता है, परन्तु क्या आप इसका कारण जानते है, यदि नहीं तो शायद आप इस बारे में जानना चाहते होंगे. तो आइये आज इस विषय पर कुछ जानकारी ले लेते है.
चैत्र में आने वाले नवरात्र में अपने कुल देवी-देवताओं की पूजा का विशेष प्रावधान माना गया है। वैसे दोनों ही नवरात्र मनाए जाते हैं। फिर भी इस नवरात्र को कुल देवी-देवताओं के पूजन की दृष्टि से विशेष मानते है क्योंकि यह नवरात्र हिन्दू कैलेण्डर के प्रथम दिन से शुरू होती है। इसलिए इस नवरात्र को बड़े नवरात्र भी कहा जाता है।
नवरात्र के नौ दिनों में माता के पूजन का विशेष महत्व माना गया है। दूर्गा सप्तशती के अनुसार माता ने ऐसा आशीर्वाद दिया था कि जो भी अष्टमी और नवमी पर मेरी महापूजा करेगा। उसके कुल में हमेशा धनधान्य रहेगा और मैं उसके कुल की स्वयं रक्षा करूंगी।
ऐसी मान्यता है कि हर कुल की एक देवी होती हैं और कहा जाता है कि कुल देवी पूरे कुल की रक्षा करती है। नवरात्र के नौ दिनों में अष्टमी और नवमी को माता के पूजन का विशेष महत्व है। इसलिए कुल देवी का पूजन भी इन दो तिथियों को ही किया जाता है।
कहते हैं कि चैत्र नवरात्र में कुलदेवी का पूजन इसीलिए किया जाता है ताकि पूरे साल कुल में हर्षोउल्लास और खुशी का माहौल रहे और कुल में जिस भी बच्चे का जन्म हो वह अपने कुल का नाम रोशन करे। इसीलिए हिन्दू समाज की लगभग हर जाति में नवरात्र में अधिकांशत: कुलदेवी का विशेष मन्त्र जप व अनुष्ठान किया जाता है।
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Tags: आओ जान ले कि नवरात्र में कुलदेवी का पूजन क्यों किया जाता हैं? - Navratron me Kuldevi ki puja kyo karte hai? नवरात्र में अपने कुल देवी-देवताओं की पूजा का विशेष प्रावधान, नवरात्र के नौ दिनों में माता के पूजन का विशेष महत्व, नवरात्र में सातवें या आठवें दिन को कुलदेवी की पूजा के लिए सुरक्षित क्यों किया गया है?
आपने देखा होगा कि नवरात्रों में कुलदेवी का पूजन किया जाता है, परन्तु क्या आप इसका कारण जानते है, यदि नहीं तो शायद आप इस बारे में जानना चाहते होंगे. तो आइये आज इस विषय पर कुछ जानकारी ले लेते है.
चैत्र में आने वाले नवरात्र में अपने कुल देवी-देवताओं की पूजा का विशेष प्रावधान माना गया है। वैसे दोनों ही नवरात्र मनाए जाते हैं। फिर भी इस नवरात्र को कुल देवी-देवताओं के पूजन की दृष्टि से विशेष मानते है क्योंकि यह नवरात्र हिन्दू कैलेण्डर के प्रथम दिन से शुरू होती है। इसलिए इस नवरात्र को बड़े नवरात्र भी कहा जाता है।
नवरात्र के नौ दिनों में माता के पूजन का विशेष महत्व माना गया है। दूर्गा सप्तशती के अनुसार माता ने ऐसा आशीर्वाद दिया था कि जो भी अष्टमी और नवमी पर मेरी महापूजा करेगा। उसके कुल में हमेशा धनधान्य रहेगा और मैं उसके कुल की स्वयं रक्षा करूंगी।
ऐसी मान्यता है कि हर कुल की एक देवी होती हैं और कहा जाता है कि कुल देवी पूरे कुल की रक्षा करती है। नवरात्र के नौ दिनों में अष्टमी और नवमी को माता के पूजन का विशेष महत्व है। इसलिए कुल देवी का पूजन भी इन दो तिथियों को ही किया जाता है।
कहते हैं कि चैत्र नवरात्र में कुलदेवी का पूजन इसीलिए किया जाता है ताकि पूरे साल कुल में हर्षोउल्लास और खुशी का माहौल रहे और कुल में जिस भी बच्चे का जन्म हो वह अपने कुल का नाम रोशन करे। इसीलिए हिन्दू समाज की लगभग हर जाति में नवरात्र में अधिकांशत: कुलदेवी का विशेष मन्त्र जप व अनुष्ठान किया जाता है।
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