मासिकधर्म के दिनों में लड़कियों को किचन में काम क्यों नहीं करना चाहिए?
मासिक धर्म में परहेज, मासिक धर्म में सावधानी, पीरियड्स में क्या न करे, माहवारी के नियम, माहवारी सम्बन्धी समस्याएं, मासिकधर्म के दिनों में लड़कियों को किचन में काम क्यों नहीं करना चाहिए? पीरियड्स में महिलाओं को किचन में नहीं जाने दिया जाता, पीरियड्स में क्यों लगा दी जाती है किचन में महिलाओं की एंट्री पर रोक?
वैदिक धर्म के अनुसार मासिकधर्म के दिनों में महिलाओं के लिए सभी धार्मिक कार्य वर्जित किए गए हैं। साथ ही इस दौरान महिलाओं को अन्य लोगों से अलग रहने का नियम भी बनाया गया है।
ऐसे में स्त्रियों को धार्मिक कार्यों से दूर रहना होता है क्योंकि सनातन धर्म के अनुसार इन दिनों स्त्रियों को अपवित्र माना गया है। साथ ही इस दौरान महिलाओं को का रसोई घर में काम करना भी अच्छा नहीं माना जाता है।
लेकिन आजकल के अधिकांश युवा इसे अंधविश्वास मानकर उस पर विश्वास नहीं करते हैं। शास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि मासिक धर्म के समय महिलाओं को रसोई में कार्य नहीं करना चाहिए यानी भोजन नहीं बनाना चाहिए क्योंकि उनके द्वारा बनाया भोजन करने पर पुरुषों का मन काम में नहीं लगता है।
साथ ही अग्रि को हमारे धर्म ग्रंथों में बहुत अधिक पवित्र माना गया है। इसलिए कहा जाता है कि उन दिनों रसोई घर में काम करने से घर में बरकत नहीं रहती।
इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि मासिक धर्म के समय महिलाओं को अनेक तरह के शारीरिक व्याधियां परेशान करती है। जिसके कारण वे आम दिनों की अपेक्षा अधिक कमजोर हो जाती हैं। महिलाओं के गर्भाशय का मुंह इन दिनों खुला रहता है इस कारण वे शारीरिक रूप से थोड़ा कमजोर महसूस करती है।
ऐसे में थकान और चिड़चिड़ापन होना भी सामान्य बाज है। इसीलिए महिलाएं उन दिनों में अपने शरीर को पूरा आराम दें और अधिक काम ना करें। इसी सोच के साथ यह परंपरा बनाई गई है कि उन दिनों महिलाओं को किचन में काम करना चाहिए।
Thanks for reading...
Tags: मासिक धर्म में परहेज, मासिक धर्म में सावधानी, पीरियड्स में क्या न करे, माहवारी के नियम, माहवारी सम्बन्धी समस्याएं, मासिकधर्म के दिनों में लड़कियों को किचन में काम क्यों नहीं करना चाहिए? पीरियड्स में महिलाओं को किचन में नहीं जाने दिया जाता, पीरियड्स में क्यों लगा दी जाती है किचन में महिलाओं की एंट्री पर रोक?
वैदिक धर्म के अनुसार मासिकधर्म के दिनों में महिलाओं के लिए सभी धार्मिक कार्य वर्जित किए गए हैं। साथ ही इस दौरान महिलाओं को अन्य लोगों से अलग रहने का नियम भी बनाया गया है।
ऐसे में स्त्रियों को धार्मिक कार्यों से दूर रहना होता है क्योंकि सनातन धर्म के अनुसार इन दिनों स्त्रियों को अपवित्र माना गया है। साथ ही इस दौरान महिलाओं को का रसोई घर में काम करना भी अच्छा नहीं माना जाता है।
लेकिन आजकल के अधिकांश युवा इसे अंधविश्वास मानकर उस पर विश्वास नहीं करते हैं। शास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि मासिक धर्म के समय महिलाओं को रसोई में कार्य नहीं करना चाहिए यानी भोजन नहीं बनाना चाहिए क्योंकि उनके द्वारा बनाया भोजन करने पर पुरुषों का मन काम में नहीं लगता है।
साथ ही अग्रि को हमारे धर्म ग्रंथों में बहुत अधिक पवित्र माना गया है। इसलिए कहा जाता है कि उन दिनों रसोई घर में काम करने से घर में बरकत नहीं रहती।
इसका वैज्ञानिक कारण यह है कि मासिक धर्म के समय महिलाओं को अनेक तरह के शारीरिक व्याधियां परेशान करती है। जिसके कारण वे आम दिनों की अपेक्षा अधिक कमजोर हो जाती हैं। महिलाओं के गर्भाशय का मुंह इन दिनों खुला रहता है इस कारण वे शारीरिक रूप से थोड़ा कमजोर महसूस करती है।
ऐसे में थकान और चिड़चिड़ापन होना भी सामान्य बाज है। इसीलिए महिलाएं उन दिनों में अपने शरीर को पूरा आराम दें और अधिक काम ना करें। इसी सोच के साथ यह परंपरा बनाई गई है कि उन दिनों महिलाओं को किचन में काम करना चाहिए।
Thanks for reading...
Tags: मासिक धर्म में परहेज, मासिक धर्म में सावधानी, पीरियड्स में क्या न करे, माहवारी के नियम, माहवारी सम्बन्धी समस्याएं, मासिकधर्म के दिनों में लड़कियों को किचन में काम क्यों नहीं करना चाहिए? पीरियड्स में महिलाओं को किचन में नहीं जाने दिया जाता, पीरियड्स में क्यों लगा दी जाती है किचन में महिलाओं की एंट्री पर रोक?
एक टिप्पणी भेजें
प्रिय दोस्त, आपने हमारा पोस्ट पढ़ा इसके लिए हम आपका धन्यवाद करते है. आपको हमारा यह पोस्ट कैसा लगा और आप क्या नया चाहते है इस बारे में कमेंट करके जरुर बताएं. कमेंट बॉक्स में अपने विचार लिखें और Publish बटन को दबाएँ.