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पूजा में दीपक क्यों जलाया जाता है? Puja ke samay dipak jalaane ka kya matlab hai?
पूजा में दीपक क्यों जलाया जाता है? Puja ke samay dipak jalaane ka kya matlab hai? दीपक जलाने का महत्व, भगवान की पूजा-आराधना करते समय दीपक क्यूँ जलाते हैं? जानिये पूजापाठ में दीपक क्यों जलाया जाता है?
आपने बहुत बार मंदिर में या किसी अन्य जगह पूजा करते हुए दीपक जलाया होगा या लोगों को पूजा के समय दीपक जलाते देखा होगा.
क्या कभी आपने सोचा है कि पूजा के समय दीपक क्यों जलाया जाता है अथवा बिना दीपक जलाए ही पूजा क्यों नहीं की जाती है? आइये इस बारे में जानकारी लेते है..
हिन्दू धर्म के अनुसार हम जब भी पूजा करते हैं तो दीपक जरूर जलाते हैं। क्योंकि दीपक ज्ञान और रोशनी का प्रतीक है। पूजा में दीपक का विशेष महत्व है।
आमतौर पर विषम संख्या में दीप प्रज्जवलित करने की परंपरा चली आ रही है। दरअसल दीपक जलाने का कारण यह है कि हम अज्ञान का अंधकार मिटाकर अपने जीवन में ज्ञान के प्रकाश के लिए पुरुषार्थ करें।
प्राय: दीपक एक, तीन, पांच और सात की विषम संख्या में ही जलाए जाते हैं ऐसा मानना है। विषम संख्या में दीपों से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है। दीपक जलाने से वातावरण शुद्ध होता है।
दीपक में गाय के दुध से बना घी प्रयोग हो तो अच्छा है अथवा अन्य घी या तेल का प्रयोग भी किया जा सकता है।
गाय के घी में रोगाणुओं को भगाने की क्षमता होती है। यह घी दीपक में अग्नि के संपर्क से वातावरण को पवित्र बना देता है। प्रदूषण दूर होता है। दीपक जलाने से पूरे घर को फायदा मिलता है। चाहे वह पूजा में सम्मिलित हो अथवा नहीं।
दीप प्रज्जवलन घर को प्रदूषण मुक्त बनाने का एक क्रम है। दीपक में अग्नि का वास होता है। जो पृथ्वी पर सूरज का रूप है।
Thanks for reading...
Tags: पूजा में दीपक क्यों जलाया जाता है? Puja ke samay dipak jalaane ka kya matlab hai? दीपक जलाने का महत्व, भगवान की पूजा-आराधना करते समय दीपक क्यूँ जलाते हैं? जानिये पूजापाठ में दीपक क्यों जलाया जाता है?
आपने बहुत बार मंदिर में या किसी अन्य जगह पूजा करते हुए दीपक जलाया होगा या लोगों को पूजा के समय दीपक जलाते देखा होगा.
क्या कभी आपने सोचा है कि पूजा के समय दीपक क्यों जलाया जाता है अथवा बिना दीपक जलाए ही पूजा क्यों नहीं की जाती है? आइये इस बारे में जानकारी लेते है..
हिन्दू धर्म के अनुसार हम जब भी पूजा करते हैं तो दीपक जरूर जलाते हैं। क्योंकि दीपक ज्ञान और रोशनी का प्रतीक है। पूजा में दीपक का विशेष महत्व है।
आमतौर पर विषम संख्या में दीप प्रज्जवलित करने की परंपरा चली आ रही है। दरअसल दीपक जलाने का कारण यह है कि हम अज्ञान का अंधकार मिटाकर अपने जीवन में ज्ञान के प्रकाश के लिए पुरुषार्थ करें।
प्राय: दीपक एक, तीन, पांच और सात की विषम संख्या में ही जलाए जाते हैं ऐसा मानना है। विषम संख्या में दीपों से वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है। दीपक जलाने से वातावरण शुद्ध होता है।
दीपक में गाय के दुध से बना घी प्रयोग हो तो अच्छा है अथवा अन्य घी या तेल का प्रयोग भी किया जा सकता है।
गाय के घी में रोगाणुओं को भगाने की क्षमता होती है। यह घी दीपक में अग्नि के संपर्क से वातावरण को पवित्र बना देता है। प्रदूषण दूर होता है। दीपक जलाने से पूरे घर को फायदा मिलता है। चाहे वह पूजा में सम्मिलित हो अथवा नहीं।
दीप प्रज्जवलन घर को प्रदूषण मुक्त बनाने का एक क्रम है। दीपक में अग्नि का वास होता है। जो पृथ्वी पर सूरज का रूप है।
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