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तुलसी को जल चढ़ाने के बाद परिक्रमा क्यों करते है? Tulsi ko jal chadhakar parikrma kyo ki jati hai?
तुलसी को जल चढ़ाने के बाद परिक्रमा क्यों करते है? Tulsi ko jal chadhakar parikrma kyo ki jati hai? तुलसी को जल चढ़ाने के बाद परिक्रमा करने का कारण वजह, जान लीजिये कि तुलसी को जल चढ़ाने के बाद परिक्रमा किस उद्देश्य से की जाती है.
आपने तुलसी की पूजा करने के बाद लोगों को तुलसी की परिक्रमा करते भी देखा होगा, क्या आप जानते है कि ऐसा करने से क्या होता है? आइये जानते है...
भगवान की पूजा-आराधना के बाद हम उनकी परिक्रमा करते हैं। सामान्यत: यह बात सभी जानते हैं कि आरती आदि के होने के बाद देवी-देवताओं की परिक्रमा की जाती है तुलसी को हमारे शास्त्रों के अनुसार देवी माना गया है।
तुलसी को जल चढ़ाकर भी उसकी परिक्रमा कि जाती है। परंतु यह क्यों की जाती है और इसकी क्या वजह है?घर के आंगन में तुलसी का पौधा सिर्फ एक पौधा भर नहीं होता है। यह सुख, संपत्ति, ज्ञान, विवेक और स्वास्थ्य का उत्तम खजाना है। कहते हैं, जिस घर के आंगन में तुलसी निवास करती है, वहां सुख और स्वास्थ्य स्वत: ही चले आते हैं, आनंद और पुण्यफल की वर्षा होती है।
तुलसी को जल चढ़ाना भी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। तुलसी का सामीप्य पाने हेतु उसके करीब जाना होता है तुलसी एक गुणकारी औषधीय पौधा है। उसकी पत्तियां अपने अंदर अनेक औषधीय गुणो को समेटे हुए है। जल चढ़ाने जब हम उसके करीब जाते हैं शास्त्रों के अनुसार तुलसी के पौधे के आसपास बहुत सारी सकारात्मक ऊर्जा अथवा दैवीय शक्ति आसपास सबसे अधिक एकत्र होती है। इसलिए तुलसी को जल चढ़ाने के बाद उसकी परिक्रमा की परंपरा बनाई गई है। जिससे भक्तों की सोच भी सकारात्मक बने और बुरे विचारों से वह मुक्त हो जाए।
तुलसी की परिक्रमा करने से हमारे मन को अचानक ही शांति मिलती है और उन क्षणों में हमारे मन को भटकाने वाली सोच समाप्त हो जाती है, भगवान में मन लगता है। इसीलिए तुलसी को जल चढ़ाने कर परिक्रमा लगाने की परंपरा बनाई गई।
Thanks for reading...
Tags: तुलसी को जल चढ़ाने के बाद परिक्रमा क्यों करते है? Tulsi ko jal chadhakar parikrma kyo ki jati hai? तुलसी को जल चढ़ाने के बाद परिक्रमा करने का कारण वजह, जान लीजिये कि तुलसी को जल चढ़ाने के बाद परिक्रमा किस उद्देश्य से की जाती है.
आपने तुलसी की पूजा करने के बाद लोगों को तुलसी की परिक्रमा करते भी देखा होगा, क्या आप जानते है कि ऐसा करने से क्या होता है? आइये जानते है...
भगवान की पूजा-आराधना के बाद हम उनकी परिक्रमा करते हैं। सामान्यत: यह बात सभी जानते हैं कि आरती आदि के होने के बाद देवी-देवताओं की परिक्रमा की जाती है तुलसी को हमारे शास्त्रों के अनुसार देवी माना गया है।
तुलसी को जल चढ़ाकर भी उसकी परिक्रमा कि जाती है। परंतु यह क्यों की जाती है और इसकी क्या वजह है?घर के आंगन में तुलसी का पौधा सिर्फ एक पौधा भर नहीं होता है। यह सुख, संपत्ति, ज्ञान, विवेक और स्वास्थ्य का उत्तम खजाना है। कहते हैं, जिस घर के आंगन में तुलसी निवास करती है, वहां सुख और स्वास्थ्य स्वत: ही चले आते हैं, आनंद और पुण्यफल की वर्षा होती है।
तुलसी को जल चढ़ाना भी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। तुलसी का सामीप्य पाने हेतु उसके करीब जाना होता है तुलसी एक गुणकारी औषधीय पौधा है। उसकी पत्तियां अपने अंदर अनेक औषधीय गुणो को समेटे हुए है। जल चढ़ाने जब हम उसके करीब जाते हैं शास्त्रों के अनुसार तुलसी के पौधे के आसपास बहुत सारी सकारात्मक ऊर्जा अथवा दैवीय शक्ति आसपास सबसे अधिक एकत्र होती है। इसलिए तुलसी को जल चढ़ाने के बाद उसकी परिक्रमा की परंपरा बनाई गई है। जिससे भक्तों की सोच भी सकारात्मक बने और बुरे विचारों से वह मुक्त हो जाए।
तुलसी की परिक्रमा करने से हमारे मन को अचानक ही शांति मिलती है और उन क्षणों में हमारे मन को भटकाने वाली सोच समाप्त हो जाती है, भगवान में मन लगता है। इसीलिए तुलसी को जल चढ़ाने कर परिक्रमा लगाने की परंपरा बनाई गई।
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