स्वच्छता हमारे हृदय घर और आसपास
स्वच्छता पर निबंध, Essay on Cleanliness, स्वच्छता के महत्व पर लेख, स्वच्छता हमारे हृदय, घर और आसपास के परिवेश से शुरू होती है, Clean India, स्वच्छता जीवन की सुंदरतम अभिव्यक्ति है, देश को स्वच्छ रखने के उपाय, हम भारत को स्वछ कैसे बनाये? अपने आस पास की सफाई, साफ सफाई के बारे में, देश को स्वच्छ रखने के उपाय, साफ सफाई के टिप्स, घर की सफाई एस्से इन हिंदी.
सरकार के स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत एक लाख 28 हजार सामुदायिक शौचालयों तथा 33 लाख 76 हजार 793 घरों में शौचालयों का निर्माण किया है। केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने राष्ट्रीय मूल्य बहाली प्रतिष्ठान (एफआरएनवी)के नौ वें स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन करने के बाद आज कहा कि स्वच्छ भारत मिशन ने पिछले तीन साल के दौरान महत्वपूर्ण प्रगति की है और यह जन आंदोलन बन चुका है।
उन्होंने कहा कि अब तक 688 शहर खुले में शौच से मुक्त घोषित हो चुके हैं और आंध्र प्रदेश तथा गुजरात ने अपने सभी शहरों और कस्बों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया है। इस अवसर पर उन्होंने एक स्मारिका का भी विमोचन किया, जिसमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के बारे में अध्ययन शामिल है।
नायडू ने कहा कि कुल 81 हजार 15 शहरी वार्डों में से 43 हजार 200 वार्डों में शत प्रतिशत ‘डोर टू डोर कलेक्शन’ और ठोस अपशिष्ट के परिवहन के लक्ष्य को हासिल किया गया है। उन्होंने कहा कि अपशिष्ट के बारे में अवधारणा को बदलने की जरूरत है और इसे त्याज्य वस्तु के बजाय सम्पत्ति या संसाधन के रूप में माना जाना चाहिये।
इस अवसर पर प्रतिष्ठान के अध्यक्ष ई श्रीधरन ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन देश में शुरू किये गये कुछ आर्थिक सुधारों से ज्यादा महत्वपूर्ण है और इसमें सभी को पूरा सहयोग करना चाहिये। उन्होंने कहा स्वच्छता हमारे हृदय, घर और आसपास के परिवेश से शुरू होती है।
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सरकार के स्वच्छ भारत मिशन अभियान के तहत एक लाख 28 हजार सामुदायिक शौचालयों तथा 33 लाख 76 हजार 793 घरों में शौचालयों का निर्माण किया है। केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने राष्ट्रीय मूल्य बहाली प्रतिष्ठान (एफआरएनवी)के नौ वें स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन करने के बाद आज कहा कि स्वच्छ भारत मिशन ने पिछले तीन साल के दौरान महत्वपूर्ण प्रगति की है और यह जन आंदोलन बन चुका है।
उन्होंने कहा कि अब तक 688 शहर खुले में शौच से मुक्त घोषित हो चुके हैं और आंध्र प्रदेश तथा गुजरात ने अपने सभी शहरों और कस्बों को खुले में शौच से मुक्त घोषित किया है। इस अवसर पर उन्होंने एक स्मारिका का भी विमोचन किया, जिसमें ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के बारे में अध्ययन शामिल है।
नायडू ने कहा कि कुल 81 हजार 15 शहरी वार्डों में से 43 हजार 200 वार्डों में शत प्रतिशत ‘डोर टू डोर कलेक्शन’ और ठोस अपशिष्ट के परिवहन के लक्ष्य को हासिल किया गया है। उन्होंने कहा कि अपशिष्ट के बारे में अवधारणा को बदलने की जरूरत है और इसे त्याज्य वस्तु के बजाय सम्पत्ति या संसाधन के रूप में माना जाना चाहिये।
इस अवसर पर प्रतिष्ठान के अध्यक्ष ई श्रीधरन ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन देश में शुरू किये गये कुछ आर्थिक सुधारों से ज्यादा महत्वपूर्ण है और इसमें सभी को पूरा सहयोग करना चाहिये। उन्होंने कहा स्वच्छता हमारे हृदय, घर और आसपास के परिवेश से शुरू होती है।
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