पाइरेटेड सॉफ्टवेयर यूजर सावधान हो जाइए। Pirated software users beware
पाइरेटेड सॉफ्टवेयर यूजर सावधान हो जाइए। Pirated software users beware.
पाइरेटेड सॉफ्टवेयर के खतरे
आज कल की इस टेक्नोलॉजी की दुनिया मे कंप्यूटर और इंटरनेट हमारी लाइफ का हिस्सा है ।मेल से ले कर शॉपिंग करने जैसे काम को हम कंप्यूटर और इंटरनेट पर ही डिपेंड है।अगर हमको किसी भी चीज के बारे में एक छोटी से छोटी जानकारी चाहिए तो हम सबसे पहले इंटरनेट पर ही सर्च करते है। सर्च से ले कर शॉपिंग तक शॉपिंग से ले कर बैंक तक का सारा काम हम कंप्यूटर और इंटरनेट का यूज़ कर के ही करते है। अगर सोचिये की आप अपने कंप्यूटर में अपने बैंक एकाउंट का id पासवर्ड इंटर कर के चेक किये ,अभी सबकुछ सही था और कुछ देर बाद आप के पास मैसेज आये की आप के एकाउंट से पैसे ट्रांसफर कर लिए गए तो शायद आप को हार्ट अटैक आते आते राह जाए ।
आप सोच रहे होंगे कि मैं आप को ये सब क्यो बात रहा हु। क्योकि मैं आप को सतर्क कर रहा हु। आप एक लैपटॉप या पीसी खरीदते है पैसे खर्च कर के आप उसमें पाइरेटेड सॉफ्टवेयर इनस्टॉल करवा देते है। ये है आपकी परेसानी की जड़ एक तो आप इतना महंगा कंप्यूटर खरीदते है और अगर उसमे ओरिजनल सॉफ्टवेयर के लिए पूछते है तो आपको काफी महंगा पड़ता है।
अब करे भी तो क्या हम सोचते है कोई बात नही पाइरेटेड सॉफ्टवेयर ही install करवा लेते है काम तो वो भी वैसे ही करता है पर आप शायद नही जानते है कि पाइरेटेड की वजह से हमको घटा हो सकता है।
क्यो नही करना चाहिए पाइरेटेड सॉफ्टवेयर का use.
क्या आप को पता है कि पाइरेटेड सॉफ्टवेयर आपके कंप्यूटर और आपके ऑनलाइन एक्टिविटी के लिए कितना बड़ा थ्रेट है? जब हम पाइरेटेड सॉफ्टवेयर को इनस्टॉल करते है अपने कंप्यूटर में तो इन सॉफ्टवेयर के जरिये आने वाले मैलवेयर इंफेक्शन और वायरस सायबर क्राइम की वजह बनते है। और इसमें जो फायरवॉल होता है डिसेबल होता है जिससे इंटरनेट से भी वायरस आ जाते है।
फिर भी नही है कोई फिक्र।
पाइरेटेड सॉफ्टवेयर की वजह से पैदा होने वाले खतरे के बावजूद भी इनका use धड़ल्ले से हो रहा है। ज्यादातर सायबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन में पाइरेटेड सॉफ्टवेयर के यूज़ की बात सामने आती है इसके अलावा ज्यादातर होम यूजर भी पाइरेटेड सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते है।
कितना है रिस्क पाइरेटेड सॉफ्टवेयर का
ज्यादातर पाइरेटेड सॉफ्टवेयर के जरिये ही मैलवेयर इंफेक्शन और वायरस हमारे कंप्यूटर में पहुचते है ये वायरस हैकिंग, स्पैमिंग सहित कई तरह के रिस्क पैदा करते है। कभी अपने सोच है कि क्यो इंटरनेट पर मौजूद हर सॉफ्टवेयर का पाइरेटेड कॉपी को प्रोवाइडर करने वाले हमे ये फ्री में यूज़ करने देते है । क्यो की कभी कभी ये कॉपी उनके द्वारा मोडिफिकेशन किया जाता है जो आपकी पर्सनल इन्फॉर्मेशन चुराना चाहते है। ये मॉडिफिकेशन के टाइम कुछ ऐसे कोडिंग कर देते है जो आपके लिए वायरस का काम करता है। और जब हम उनके द्वारा मोडिफाई सॉफ्टवेयर को इनस्टॉल करते है तो वो उसके साथ ही हमारे कंप्यूटर में इनस्टॉल हो जाते है। ऐसे सॉफ्टवेयर में कुछ ऐसे भी प्रोग्राम होते है जो हैकर को यूजर के पर्सनल इन्फॉर्मेशन तक रिमोट एक्सेस प्रोवाइडर करते है।
इसके इस्तेमाल से हैकर आपका बैंकिंग क्रेडिट कार्ड या आपका सेंसिटिव इन्फॉर्मेशन चुरा सकते है इसके अलावा ईमेल और सोशल मीडिया की स्पैमिंग भी इसके जरिए किया जा सकता है। तो आपको पता चल गया होगा कि पाइरेटेड सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से क्या नुकसान है।
अब बात आती है कि अगर हम पाइरेटेड सॉफ्टवेयर न इस्तेमाल करे तो क्या करे ओरिजिनल तो बहुत ही महंगा आता है।
तो निश्चन्त रहिये काफी रिसर्च करने के बाद हम ले आये है एक ऐसे वेबसाइट के बारे में जो आपको ओरिजिनल सॉफ्टवेयर प्रोवाइडर करते है बहुत ही कम रेट पर ।
आइये जानते है कहा मिल रहा है इतना सस्ता की हम सभी उसे अफोर्ड कर सकते है।
इंटरनेट पर एक वेबसाइट है
https://windows10offer.com
यहां पर आप दो तरह के सॉफ्टवेयर खरीद सकते है एक है OEM key और दूसरा है Retail Key
OEM key- इसका मतलब ये होता है कि आपको एक लाइसेंस key मिलेगी जो आप लाइफटाइम एक ही कंप्यूटर में यूज़ कर पाएंगे । मान लीजिए कि आप एक कंप्यूटर में इसे इनस्टॉल कर दिए और वो कंप्यूटर कुछ दिन बाद खराब हो गया अब आप सोच रहे है कि मैं नया कंप्यूटर खरीद कर यही key उसमे use कर लूं तो आप इसे नही कर पाएंगे और अगर आप रिटेल key को खरीदते है तो आप जितने चाहे उतने कंप्यूटर चेंज कर के use कर सकते है। पर OEM KEY रिटेल KEY से सस्ता होता है जबकि रिटेल KEY कुछ महंगा।
अब सवाल ये है कि ये मिलेगा कैसे ?
where to buy genuine software on lower price.
तो सबसे पहले ऊपर दिए गए वेब लिंक को क्लिक कर के आप उस वेबसाइट पर पहुच जाएंगे वह आपको जो खरीदना है उस प्रोडक्ट को क्लिक करना है फिर आपको उसे add to cart पर क्लिक कर के अपने कार्ट में ऐड करना है ।उसके बाद ऊपर बने कार्ट को क्लिक करना है वह आपको PROCEED TO CHECKOUT पर क्लिक करना है आपको वह कुछ डिटेल जैसे नाम ईमेल एड्रेस फ़ोन नंबर आदि ।जो पूछा जाएगा फील करना है फिर आपको पेमेंट मेथड सलेक्ट करना है।
आप को वह दो ऑप्सन मिलेंगे एक cash on delivery और PayUMoney का आप इनमें से कोई भी चुन सकते है। अगर आप cash on delivery करते है तो आप को एक मेल आएगा और उसमें आपसे पेमेंट मेथड पूछा जाएगा वह पर आप को UPI, PAYTM ,NET BANKING, डेबिट कार्ड ,PAYPAL जैसे ऑप्शन मिलेंगे ।यह पर ये आपको घर पर डिलीवरी नही देंगे आप इन ऑप्शप के द्वारा जैसे ही पेमेंट करेंगे वैसे ही आपको ये मेल के जरिये तुरंत आपको लाइसेंस के भेज देंगे ।
अब बात आती है ट्रस्ट की क्या ये आपको फ़्रॉड तो नही करेंगे तो आप निश्चन्त हो जाइए आप के साथ कोई धोखा नही होगा।
अब जान लेते है कि कितने प्राइस है यह पर सॉफ्टवेयर ।
विंडोज 10 OEM --------- 1000 रुपये।
विंडोज 10 रिटेल------------ 2500 रुपये
विंडोज 7 OEM---–--------1100 रुपये
विंडोज 7 रिटेल----------- 2500 रुपये
MSआफिस 2016---------2000 रुपये
ऐसे ही और है आप खुद जा कर देख सकते है
यहां पर विंडोज सर्वर , माइक्रोसॉफ्ट प्रोजेक्ट, माइक्रोसॉफ्ट VISIO
विंडोज 8, 8.1 और भी बहुत सारे है।
अब आप इनके प्राइस को और मार्किट के प्राइस को कंपेयर कर सकते है आपको खुद ही पता चल जाएगा कि कितना फर्क है
अब बात आती है कि ये इतने सस्ते में क्यो दे रहे है। इनको इतने सस्ते में कहा से मिलता है ।
तो होता ये है कि जा भी लाइसेंस कंप्यूटर या लैपटॉप resale के लिए आते है उसी का लाइसेंस key प्राइस को रिकवर करने के लिए कंपनी थर्ड पार्टी को बेच देती है और कई बार कंपनिया बल्क खरीद के लिए आर्डर देती है और अगर वो आर्डर वापस कर दिया जाता है तब भी कंपनिया घटा रिकवर करने के लिए key को थर्ड पार्टी को बेच देती है आप को इंटरनेट पर ऐसे कई थर्ड पार्टी वेबसाइट मिल जाएंगी जो आपको मार्किट प्राइस से कम रेट में लाइसेंस बेचती है
दोस्तो मुझे आशा है कि ये जानकारी आप को पसंद आएगा।
अगर आपका कोई सवाल या सुझाव है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में लिख सकते है
पाइरेटेड सॉफ्टवेयर के खतरे
आज कल की इस टेक्नोलॉजी की दुनिया मे कंप्यूटर और इंटरनेट हमारी लाइफ का हिस्सा है ।मेल से ले कर शॉपिंग करने जैसे काम को हम कंप्यूटर और इंटरनेट पर ही डिपेंड है।अगर हमको किसी भी चीज के बारे में एक छोटी से छोटी जानकारी चाहिए तो हम सबसे पहले इंटरनेट पर ही सर्च करते है। सर्च से ले कर शॉपिंग तक शॉपिंग से ले कर बैंक तक का सारा काम हम कंप्यूटर और इंटरनेट का यूज़ कर के ही करते है। अगर सोचिये की आप अपने कंप्यूटर में अपने बैंक एकाउंट का id पासवर्ड इंटर कर के चेक किये ,अभी सबकुछ सही था और कुछ देर बाद आप के पास मैसेज आये की आप के एकाउंट से पैसे ट्रांसफर कर लिए गए तो शायद आप को हार्ट अटैक आते आते राह जाए ।
आप सोच रहे होंगे कि मैं आप को ये सब क्यो बात रहा हु। क्योकि मैं आप को सतर्क कर रहा हु। आप एक लैपटॉप या पीसी खरीदते है पैसे खर्च कर के आप उसमें पाइरेटेड सॉफ्टवेयर इनस्टॉल करवा देते है। ये है आपकी परेसानी की जड़ एक तो आप इतना महंगा कंप्यूटर खरीदते है और अगर उसमे ओरिजनल सॉफ्टवेयर के लिए पूछते है तो आपको काफी महंगा पड़ता है।
अब करे भी तो क्या हम सोचते है कोई बात नही पाइरेटेड सॉफ्टवेयर ही install करवा लेते है काम तो वो भी वैसे ही करता है पर आप शायद नही जानते है कि पाइरेटेड की वजह से हमको घटा हो सकता है।
क्यो नही करना चाहिए पाइरेटेड सॉफ्टवेयर का use.
क्या आप को पता है कि पाइरेटेड सॉफ्टवेयर आपके कंप्यूटर और आपके ऑनलाइन एक्टिविटी के लिए कितना बड़ा थ्रेट है? जब हम पाइरेटेड सॉफ्टवेयर को इनस्टॉल करते है अपने कंप्यूटर में तो इन सॉफ्टवेयर के जरिये आने वाले मैलवेयर इंफेक्शन और वायरस सायबर क्राइम की वजह बनते है। और इसमें जो फायरवॉल होता है डिसेबल होता है जिससे इंटरनेट से भी वायरस आ जाते है।
फिर भी नही है कोई फिक्र।
पाइरेटेड सॉफ्टवेयर की वजह से पैदा होने वाले खतरे के बावजूद भी इनका use धड़ल्ले से हो रहा है। ज्यादातर सायबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन में पाइरेटेड सॉफ्टवेयर के यूज़ की बात सामने आती है इसके अलावा ज्यादातर होम यूजर भी पाइरेटेड सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करते है।
कितना है रिस्क पाइरेटेड सॉफ्टवेयर का
ज्यादातर पाइरेटेड सॉफ्टवेयर के जरिये ही मैलवेयर इंफेक्शन और वायरस हमारे कंप्यूटर में पहुचते है ये वायरस हैकिंग, स्पैमिंग सहित कई तरह के रिस्क पैदा करते है। कभी अपने सोच है कि क्यो इंटरनेट पर मौजूद हर सॉफ्टवेयर का पाइरेटेड कॉपी को प्रोवाइडर करने वाले हमे ये फ्री में यूज़ करने देते है । क्यो की कभी कभी ये कॉपी उनके द्वारा मोडिफिकेशन किया जाता है जो आपकी पर्सनल इन्फॉर्मेशन चुराना चाहते है। ये मॉडिफिकेशन के टाइम कुछ ऐसे कोडिंग कर देते है जो आपके लिए वायरस का काम करता है। और जब हम उनके द्वारा मोडिफाई सॉफ्टवेयर को इनस्टॉल करते है तो वो उसके साथ ही हमारे कंप्यूटर में इनस्टॉल हो जाते है। ऐसे सॉफ्टवेयर में कुछ ऐसे भी प्रोग्राम होते है जो हैकर को यूजर के पर्सनल इन्फॉर्मेशन तक रिमोट एक्सेस प्रोवाइडर करते है।
इसके इस्तेमाल से हैकर आपका बैंकिंग क्रेडिट कार्ड या आपका सेंसिटिव इन्फॉर्मेशन चुरा सकते है इसके अलावा ईमेल और सोशल मीडिया की स्पैमिंग भी इसके जरिए किया जा सकता है। तो आपको पता चल गया होगा कि पाइरेटेड सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से क्या नुकसान है।
अब बात आती है कि अगर हम पाइरेटेड सॉफ्टवेयर न इस्तेमाल करे तो क्या करे ओरिजिनल तो बहुत ही महंगा आता है।
तो निश्चन्त रहिये काफी रिसर्च करने के बाद हम ले आये है एक ऐसे वेबसाइट के बारे में जो आपको ओरिजिनल सॉफ्टवेयर प्रोवाइडर करते है बहुत ही कम रेट पर ।
आइये जानते है कहा मिल रहा है इतना सस्ता की हम सभी उसे अफोर्ड कर सकते है।
इंटरनेट पर एक वेबसाइट है
https://windows10offer.com
यहां पर आप दो तरह के सॉफ्टवेयर खरीद सकते है एक है OEM key और दूसरा है Retail Key
OEM key- इसका मतलब ये होता है कि आपको एक लाइसेंस key मिलेगी जो आप लाइफटाइम एक ही कंप्यूटर में यूज़ कर पाएंगे । मान लीजिए कि आप एक कंप्यूटर में इसे इनस्टॉल कर दिए और वो कंप्यूटर कुछ दिन बाद खराब हो गया अब आप सोच रहे है कि मैं नया कंप्यूटर खरीद कर यही key उसमे use कर लूं तो आप इसे नही कर पाएंगे और अगर आप रिटेल key को खरीदते है तो आप जितने चाहे उतने कंप्यूटर चेंज कर के use कर सकते है। पर OEM KEY रिटेल KEY से सस्ता होता है जबकि रिटेल KEY कुछ महंगा।
अब सवाल ये है कि ये मिलेगा कैसे ?
where to buy genuine software on lower price.
तो सबसे पहले ऊपर दिए गए वेब लिंक को क्लिक कर के आप उस वेबसाइट पर पहुच जाएंगे वह आपको जो खरीदना है उस प्रोडक्ट को क्लिक करना है फिर आपको उसे add to cart पर क्लिक कर के अपने कार्ट में ऐड करना है ।उसके बाद ऊपर बने कार्ट को क्लिक करना है वह आपको PROCEED TO CHECKOUT पर क्लिक करना है आपको वह कुछ डिटेल जैसे नाम ईमेल एड्रेस फ़ोन नंबर आदि ।जो पूछा जाएगा फील करना है फिर आपको पेमेंट मेथड सलेक्ट करना है।
आप को वह दो ऑप्सन मिलेंगे एक cash on delivery और PayUMoney का आप इनमें से कोई भी चुन सकते है। अगर आप cash on delivery करते है तो आप को एक मेल आएगा और उसमें आपसे पेमेंट मेथड पूछा जाएगा वह पर आप को UPI, PAYTM ,NET BANKING, डेबिट कार्ड ,PAYPAL जैसे ऑप्शन मिलेंगे ।यह पर ये आपको घर पर डिलीवरी नही देंगे आप इन ऑप्शप के द्वारा जैसे ही पेमेंट करेंगे वैसे ही आपको ये मेल के जरिये तुरंत आपको लाइसेंस के भेज देंगे ।
अब बात आती है ट्रस्ट की क्या ये आपको फ़्रॉड तो नही करेंगे तो आप निश्चन्त हो जाइए आप के साथ कोई धोखा नही होगा।
अब जान लेते है कि कितने प्राइस है यह पर सॉफ्टवेयर ।
विंडोज 10 OEM --------- 1000 रुपये।
विंडोज 10 रिटेल------------ 2500 रुपये
विंडोज 7 OEM---–--------1100 रुपये
विंडोज 7 रिटेल----------- 2500 रुपये
MSआफिस 2016---------2000 रुपये
ऐसे ही और है आप खुद जा कर देख सकते है
यहां पर विंडोज सर्वर , माइक्रोसॉफ्ट प्रोजेक्ट, माइक्रोसॉफ्ट VISIO
विंडोज 8, 8.1 और भी बहुत सारे है।
अब आप इनके प्राइस को और मार्किट के प्राइस को कंपेयर कर सकते है आपको खुद ही पता चल जाएगा कि कितना फर्क है
अब बात आती है कि ये इतने सस्ते में क्यो दे रहे है। इनको इतने सस्ते में कहा से मिलता है ।
तो होता ये है कि जा भी लाइसेंस कंप्यूटर या लैपटॉप resale के लिए आते है उसी का लाइसेंस key प्राइस को रिकवर करने के लिए कंपनी थर्ड पार्टी को बेच देती है और कई बार कंपनिया बल्क खरीद के लिए आर्डर देती है और अगर वो आर्डर वापस कर दिया जाता है तब भी कंपनिया घटा रिकवर करने के लिए key को थर्ड पार्टी को बेच देती है आप को इंटरनेट पर ऐसे कई थर्ड पार्टी वेबसाइट मिल जाएंगी जो आपको मार्किट प्राइस से कम रेट में लाइसेंस बेचती है
दोस्तो मुझे आशा है कि ये जानकारी आप को पसंद आएगा।
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