किसी दुसरे व्यक्ति के राज सांझा ना करें - Dusron ke raaj rakhne chahiye gupt

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किसी दुसरे व्यक्ति के राज सांझा ना करें - Dusron ke raaj rakhne chahiye gupt , भूलकर भी ना करेंयह गलती वर्ना भुगतना पड़ेगा इसका परिणाम , यदि बनना है भरोसेमंद तो अपनाओ यह तरीका.

किसी दुसरे व्यक्ति के राज सांझा ना करें - Dusron ke raaj rakhne chahiye gupt

प्रिय मित्र, यदि कोई व्यक्ति जो आपका मित्र, सहयोगी या आपके आस-पास का कोई भी हो सकता है. यदि वो आपको अपना मन हल्का करने के लिए अपनी गुप्त बातें, अपनी कमजोरी, अपने साथ हुआ कुछ गलत या अपनी कोई भविष्य प्लानिंग आदि आपके साथ सांझा करता है तो सीधी-सी बात है कि उसे खुद से भी ज्यादा आप पर विश्वास है.

ऐसे व्यक्ति के विश्वास को चकना चूर करना अथवा उसके राज दूसरों के सामने खोलना आपके लिए अच्छा नहीं है. ऐसा करने से आप भरोसे के काबिल नहीं रहते हैं. आपके ऐसा करने से उसे नुकसान होगा लेकिन आप भी नुकसान से बच नहीं पाओगे. वो इन्सान तो क्या अन्य लोग जो आपकी बातें सुनेंगे आप पर भूलकर भी विश्वास नहीं करेंगें. यदि आप जीवन भर लोगों के लिए भरोसेमंद बने रहना चाहते हैं तो आपको सिर्फ अपने ही नहीं बल्कि दूसरों के राज भी छिपाकर रखने होंगें.

गुरु मंत्र, साधना व तप को गुप्त क्यों रखना चाहिए? Acharya Chankya dwara gupt rakhne yogya baten

गुरु मंत्र, साधना व तप को गुप्त क्यों रखना चाहिए? Acharya Chankya dwara gupt rakhne yogya baten , गुरु मंत्र कितने प्रकार के होते हैं , क्या मंत्र में इतनी शक्ति होती है , गुरु मंत्र का जाप कितना करना चाहिए , सबसे बड़ा गुरु मंत्र क्या है?

गुरु मंत्र, साधना व तप को गुप्त क्यों रखना चाहिए? Acharya Chankya dwara gupt rakhne yogya baten

प्रिय मित्र, आचार्य चाणक्य के अनुसार गुरुमंत्र, साधना व तप को गुप्त ही रखा जाना जरुरी है। गुरु से मिला गुरुमंत्र, आपके द्वारा की जा रही साधना, तप अथवा ध्यान गोपनीय रखने चाहिए, क्योंकि किसी को बताने से ये निष्फल हो जाते हैं। यदि आप इनका सही परिणाम प्राप्त करना चाहते है तो आपको इन्हें गुप्त ही रखना चाहिए। इन चीजों को अपने खास मित्र से भी छुपाना चाहिए.

गुरु मंत्र किसे कहते हैं? - गुरु मंत्र देवता का नाम, मंत्र, अंक अथवा शब्द होता है जो गुरु अपने शिष्य को जप करने हेतु देते हैं।

सबसे बड़ा गुरु मंत्र क्या है? - आचार्य चाणक्य के अनुसार दुनियां का सबसे बड़ा गुरु मंत्र यह है कि अपने राज किसी को भी मत बताओ।

दान और पुण्य गुप्त क्यों रखना चाहिए - Gupt daan ka mahatva aur iske fayde

दान और पुण्य गुप्त क्यों रखना चाहिए - Gupt daan ka mahatva aur iske fayde , दान हमेशा गुप्त होना चाहिए , गुप्तदान करता है मुसीबतों से रक्षा , दान को गुप्त क्यों रखना चाहिए? क्या दान से विकर्म विनाश होते हैं? गुप्त दान करने से खुल जाएगी आपकी किस्मत.

दान और पुण्य गुप्त क्यों रखना चाहिए

प्रिय मित्र, आप आचार्य चाणक्य को भली प्रकार से जानते ही होंगें. ये एक महान व्यक्ति थे और इनके द्वारा लिखी गई चाणक्य निति पुस्तक में बहुत-सी ऐसी बातें लिखी गई है जिनका अनुशरण करने से इन्सान का जीवन सवर सकता है. उसी में से एक निति पर हम आज के इस लेख में चर्चा करने वाले है. आप हमारे इस लेख को पूरा पढ़ें और इस बारे में जानकारी लें.

आचार्य चाणक्य जी के अनुसार व्यक्ति को खुद के द्वारा किए गए दान और पुण्य के कार्यों का किसी से जिक्र नहीं करना चाहिए. इन कार्यों को गुप्त रखना चाहिए क्योंकि इन्हें गुप्त रखने से ही आपको इनका अच्छा और भरपूर फल मिलता है. किसी से इनके बारे में सांझा करने से इनका उचित फल हमें मिल नही पाता है. इसलिए आपके द्वारा किया गया दान और पुण्य कार्य हमेशा गुप्त ही रहना चाहिए, इसे लोगों में बताने से यह भी निष्फल हो सकता है. मतलब है की इन्सान को हमेशा गुप्त दान ही करना चाहिए. अब आप जानना चाहते होंगें कि गुप्तदान क्या है? जब कोई व्यक्ति बिना किसी को बताए कुछ दान करता हैं या कह लीजिए कि किसी को कुछ चीज दान देता हैं तो उस दान को गुप्तदान कहा जाता है.

मान्यता है कि दान देने का कार्य ऐसा होना चाहिए कि यदि आप बाएँ हाथ से दान करें तो इसका बाएँ हाथ को भी पता ना लगे. हिंदू धर्म में दान करना पुण्य का काम माना गया है. दान कई तरह के हो सकते हैं, जैसे पानी का दान, खाने की चीजों का दान, वस्त्रों का दान, गऊ का दान, रुपयों का दान आदि. यह दान मानव मात्र की भलाई के लिए किए जाते हैं. ऐसे में यदि कोई व्यक्ति दान गुप्त करता है तो दान का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है.

गुप्त दान का क्या है महत्व, इन चीजों के दान से जाग उठेगी सोई किस्मत हिंदू धर्म में दान का विशेष महत्व होता है। दान देने का अर्थ है उस वस्तु पर से अपना अधिकार समाप्त करना। मान्यता है कि दान देने के बाद दान की गई वस्तु के बारे में किसी को भी नहीं बताना चाहिए वरना इसका पुण्य फल समाप्त हो जाता है।

किस दान का है सबसे ज्यादा महत्व- प्यास इंसान को सबसे ज्यादा विचलित कर देती है. किसी प्यासे व्यक्ति को पानी मिल जाए तो वो दिल से दुआ करता है, इसलिए जल का दान ही सबसे बड़े पुण्य का काम माना जाता है. पानी का दान करते हुए कोई दिखावा ना करें, बल्कि इसे गुप्तदान के रूप में दें. गर्मी के दिनों में राहगीरों के लिए किसी छायादार जगह या किसी गहरी छाया वाले पेड़ के नीचे पानी घड़ा रख कर या फिर प्याऊ बनवा कर आप गुप्त दान कर सकते हैं. शास्त्रों में गुड़ दान को भी बहुत ही अच्छा और शुभ माना गया है. इससे कुंडली में मौजूद सूर्य की स्थिति मजबूत हो जाती है. सूर्य देव की कृपा होने से व्यक्ति के मान-सम्मान में वृद्धि हो जाती है और हर काम में सफलता मिलती है. आप गुप्त दान में फलों को भी शामिल कर सकते हैं. साबुत मौसमी फलों का दान गरीब और जरूरतमंदों को किया जा सकता है. फल दान करने से निसंतान दंपत्ति को संतान प्राप्ति होती है. दही का गुप्त दान करने से कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति मजबूत होने से समस्याएं हल हो जाती हैं.

अपनी कमजोरी कभी किसी के सामने ना आने दें - Apni khamiyan kisi se share naa karen

अपनी कमजोरी कभी किसी के सामने ना आने दें - Apni khamiyan kisi se share naa karen , अपने अवगुण सांझा मत करो , कमजोर होने पर भी मनुष्य ना करे अपनी कमजोरी का प्रदर्शन, साधारण मनुष्य को अपनी कमजोरी को दुश्मन की नजरों से बचाना होगा.

अपनी कमजोरी कभी किसी के सामने ना आने दें

दोस्तों, दुनियां में कोई भी इन्सान पूर्ण नहीं है, हर इन्सान में कोई ना कोई कमी जरुर होती है लेकिन यदि आप जिन्दगी में सफल होना चाहते हैं तो आपको अपनी कमजोरी को लोगों से छिपाना भी होगा. यह इसलिए जरुरी है क्योंकि यदि आप कहीं जॉब कर रहें है तो जाहिर सी बात है वहां आपकी टांग खींचने वाले भी भरपूर मात्रा में मिलेंगें और ऐसे में आप किसी को अपनी कमजोरी बता देते है और आपकी इस कमजोरी की भनक आपके विरोधी को लग जाती है तो वह इसका फायदा उठाने से बिलकुल भी नहीं चुकेंगें. इसलिए आप अपनी कोई ऐसी बात जो आपकी कमजोरी बन सकती हैं किसी से भी सांझा ना करें.

यदि आपमें कोई कमी या कमजोरी है जिसके कारण आप बार-बार असफल हो जाते है या जिसके कारण आपको नुकसान उठाना पड़ा हो तो इस बात को भी किसी से कहना नहीं चाहिए क्योंकि इससे लोग आपका मजाक करेंगें ना कि कोई इलाज. चाणक्य नीति के अनुसार एक सफल इंसान को कभी भी अपनी कमजोरी को किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिए. यदि आप ऐसा करते हैं तो कोई भी व्यक्ति आपका आसानी से फायदा उठा सकता है.

ऐसा इन्सान कब करता है - कई बार इन्सान भावनाओं में आकर अपनी कमजोरी किसी को बता देता है, यह उसके लिए नुकसानदायक हो सकता है. आपमें कमी होने के बावजूद भी आपको पुरे हौसलें से काम करना चाहिए जैसे अगर कोई सांप जहरीला नहीं है फिर भी वह फुफकारना नहीं छोड़ता है. अधिकतर लोग उसकी फुफकार से ही डर जाते है. उसी तरह से कमजोर व्यक्ति को किसी भी वक्त अपनी कमजोरी का प्रदर्शन नहीं करना चाहिए.

आचार्य चाणक्य ने इस बारे में लिखा है कि मनुष्य को कभी भी अपनी कमजोरी का लोगों के सामने जिक्र नहीं करना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि इससे आप दूसरों को अपने ऊपर उंगली उठाने का मौका दे रहे हैं. हो सकता है कि सामने वाला आपकी कमजोरी को जानकर ताक लगाकर आप पर हमला करे. यदि वो आपका हित चाहने वाला है तो वो आपको कोई अच्छी सलाह भी दे सकता है लेकिन ऐसा भी हो सकता है कि वो आपका विरोधी हो. 

अक्सर कई बार ऐसा होता है कि कोई भी शख्स भावनात्मक तौर पर अंदर से टूट जाता है. उस वक्त वो खुद से ही लड़ रहा होता है. इसी वजह से वो अपनी भावनाओं को ज्यादा संभालने की स्थिति में नहीं रहता. यही वो स्थिति होती है जब कोई आपकी इस कमजोरी का फायदा उठा सकता है.

अपनी भविष्य की प्लानिंग किसी को ना बताएं - Aapke safal hone ka raaj kabhi share naa kren

अपनी भविष्य की प्लानिंग किसी को ना बताएं - Aapke safal hone ka raaj kabhi share naa kren , आपको पछताना पड़ेगा यदि उजागर कर दिया अपना ये सीक्रेट.

अपनी भविष्य की प्लानिंग किसी को ना बताएं

आचार्य चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को अपने राज किसी से सांझा नहीं करने चाहिए. अगर आप यह गलती करते हैं तो आज ही इसकी तौबा कर दीजिए क्योंकि जब तक आप यह बदलाव नहीं करेंगें तब तक आप कामयाब नहीं हो सकते और साथ में आपको मुश्किल से भी झुंझना पड़ेगा.

अपना अगला कदम यानि भविष्य की प्लानिंग अपने परिवार के सदस्यों के अलावा किसी से भी सांझा नहीं करनी चाहिए. यदि आप किसी ऐसे कार्य की शुरुआत करना चाहते है जिससे आपको फायदा होने की संभावना है तो उसे भी किसी से ना कहें क्योंकि जब कार्य पूरा हो जाएगा तो लोगों को अपने आप दिख जाएगा. 

आप किसी व्यक्ति पर भरोषा करके उसे अपनी फ्यूचर प्लानिंग बता देते है तो वो आपसे जलन करने लगेगा और आपके कार्य में मुश्किल खड़ी करने की भरपूर कोशिश करेगा, इसलिए आप अपने इस प्रकार के विचार और योजना किसी को ना बताएं.

अपने मन की बात किसी से सांझा ना करें - Apne man ke vichar kisi se share na karen

अपने मन की बात किसी से सांझा ना करें - Apne man ke vichar kisi se share na karen , यदि नुकसान से बचना है तो अपनाइए आचार्य चाणक्य निति , आप चाहते है हर कार्य में सफल होना तो ध्यान दीजिए इसके लिए आवश्यक कुछ बातों पर.

अपने मन की बात किसी से सांझा ना करें

आचार्य चाणक्य के अनुसार इन्सान को अपने मन की सभी बातें किसी से सांझा नहीं करना चाहिए. हमारे मन में दिन भर बहुत विचार आते रहते हैं और ये सभी विचार सबसे सांझा करने योग्य नहीं होते हैं. इसका एक example यह है कि आप जिस व्यक्ति से बात कर रहें है हो सकता है आपकी नजर में उसकी छवि खराब हो तो आपको उसे ये बात बोलनी नहीं है क्योंकि यदि आपने उससे यह बात बोल दी तो वो आपका कोई काम करना तो दूर उल्टा आपसे झगड़ा भी करेगा.

यदि आपको उस व्यक्ति से काम लेना है तो आपको उसके सामने केवल वो ही बात बोलनी है जो सामने वाले को अच्छी लगे और आपका भी फायदा हो. यदि आपकी नजर में वो इन्सान ठीक नहीं है तो आप बेशक उसके साथ कोई कार्य शुरू ही ना करें या उससे किसी कार्य को करवाने की इच्छा ना रखें और यदि आपको उससे काम निकलवाना है तो उसके सामने उसकी बुराई करने की बजाय उसकी सराहना ही करनी होगी जिससे वो खुश हो और आपका फायदा कर दे.

अपनी बीमारी क्यों रखें सबसे छिपाकर - Bimari ki baat logon se kabhi na kahen

अपनी बीमारी क्यों रखें सबसे छिपाकर - Bimari ki baat logon se kabhi na kahen , आपकी बीमारी ब सकती है लोगों में मजाक का कारण और लोग हो सकते है आपसे दूर, दुसरे इन्सान करेंगें आप से घृणा.

अपनी बीमारी क्यों रखें सबसे छिपाकर

प्रिय दोस्त आचार्य चाणक्य के अनुसार आपको इस दुनियां से कई राज छिपाकर रखने की बहुत जरूरत होती है, यदि आप ऐसा नहीं करते है तो आपको कई बार परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है इसलिए बेवजह की परेशानियों से बचने के लिए आपको अपने राज किसी खास से भी सांझा नहीं करने चाहिए.

इन्हीं खास राज में से एक है आपकी बीमारी. आपको अपनी बीमारी भी लीगों से छिपाकर रखनी चाहिए. बीमारी का इलाज डॉक्टर करता है आम आदमी नहीं. आपको जो भी तकलीफ है डॉक्टर से कहें और दवाई लें लेकिन अपने किसी मित्र, पड़ोसी या सगे संबंधी से इसका कोई भी जिक्र ना करें क्योंकि ऐसा करने से वो आपसे दुरी बनाने लगेंगे, उन्हें लगेगा कि कहीं आप बीमारी के चलते उनसे किसी भी तरह की मदद ना मांग लें.

अगर आप किसी बड़ी बीमारी से ग्रस्त है तो इसे लोगों से छिपाकर रखें, नहीं तो लोग आपसे घृणा करने लगेंगें. सही समय पर अपनी दवा लेते रहें. अपने परिवार के सदस्यों को इसके बारे में बताएं लेकिन किसी अन्य से सांझा भूलकर भी ना करें. धन्यवाद...

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